अंतर्राष्ट्रीय समसामयिकी 1 (19-Apr-2021)
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की विश्व जनसंख्या रिपोर्ट 2021
(World Population Report - 2021)

Posted on April 19th, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में विश्व जनसंख्या रिपोर्ट- 2021 (World Population Report- 2021) को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund- UNFPA) ने जारी किया है।

 

विश्व जनसंख्या रिपोर्ट- 2021 (World Population Report- 2021) को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund- UNFPA) ने जारी किया है। इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘माय बॉडी इज़ माय ओन’ (My Body is My Own) रखा गया है।

 

विश्व जनसंख्या रिपोर्ट- 2021 के शीर्षक (माय बॉडी इज़ माय ओन) से स्पष्ट है कि इसमें दैहिक स्वायत्तता पर ध्यान केंद्रित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्येक मानव को अपने शरीर के विषय में स्वतंत्र आत्मनिर्णय लेने का अधिकार है।

 

दरअसल यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर संवेदनशील वर्गों (यथा- महिलाएं, बच्चे, दिव्यांग आदि) के प्रति व्याप्त चुनौतियों के संदर्भ में है। वर्तमान में देखा जा रहा है कि महिलाओं को स्वयं के शरीर से सबन्धित निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। उनके शरीर से संबन्धित अधिकतर निर्णय पुरुषवादी समाज द्वारा तय किए जाते हैं। यह समस्या विकासशील व गरीब देशों में अपेक्षाकृत अधिक है।

 

पुरुषवादी समाज में समान्यतया यह देखा जाता है कि महिलाओं के यौन क्रियाकलापों से लेकर गर्भ धारण तक के विषयों में उनकी मर्जी का महत्व कम होता है।

 

इसी प्रकार बच्चों को भी विभिन्न तरीके की यातना, अमानवीय व्यवहार और जबरन जोखिमपूर्ण कार्यों का सामना करना पड़ता है।

 

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न संवेदनशील वर्गों (यथा- महिलाएं, बच्चे, दिव्यांग आदि) को शारीरिक स्वायत्तता के मौलिक अधिकार से वंचित कर दिया गया है तथा इसे कोविड-19 महामारी ने और बढ़ा दिया है। राष्ट्रीय स्तर पर लागए जाने वाले लॉकडाउन ने महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा को बढ़ा दिया है।

 

रिपोर्ट में विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सरकारों से अपील की गई है कि वे अपने यहाँ प्रत्येक मानव की स्वतन्त्रता सुनिश्चित करें।

 

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund- UNFPA) :

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) का गठन 1969 में किया गया था। यूएनएफपीए, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) का एक सहायक अंग है।

 

यह संस्था प्रजनन अधिकारों की प्रोत्साहित करते हुए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की सार्वभौमिक पहुंच का समर्थन करती है; जिसमें स्वैच्छिक परिवार नियोजन, मातृ स्वास्थ्य देखभाल और समग्र यौन शिक्षा आदि शामिल हैं।

 

यूएनएफपीए का मिशन ऐसे विश्व की रचना करने का है, जहां प्रत्येक गर्भावस्था मनचाही हो, प्रत्येक प्रसव सुरक्षित हो और प्रत्येक युवा की प्रतिभा पूर्ण रूप से विकसित हो।

 

यूएनएफपीए, सरकारों, प्रबुद्ध समाज, निजी क्षेत्र, शिक्षा जगत और अनुसंधान संस्थाओं, चिकित्सा समुदाय, मीडिया, न्यायपालिका और सबसे महत्वपूर्ण रूप से स्वयं सहायता समूहों जैसे विविध हितधारकों के साथ व्यापक रूप से सहयोग करता है।

 

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष भारत में 1971 से ही कार्य कर रहा है।