राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (21-Aug-2020)
अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में महिलाएँ
(Women in research and development)

Posted on August 21st, 2020 | Create PDF File

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विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकेतक (Science and Technology Indicators-STI), 2018 के अनुसार, भारत की निजी क्षेत्र की शोध कंपनियाँ सरकार द्वारा वित्तपोषित प्रमुख वैज्ञानिक एजेंसियों की तुलना में मुख्य अनुसंधान और विकास गतिविधियों में अधिक संख्या में महिलाओं को नियोजित करती हैं।


वर्ष 2018 तक भारत में R&D के क्षेत्र में 3,41,818 वैज्ञानिक थे, जिनमें से लगभग 2,03,759 उच्च शिक्षा के क्षेत्र में या सरकारी संस्थानों द्वारा नियुक्त कर लिये गए।निजी क्षेत्र की R&D कंपनियों में कार्यरत 20,351 महिलाओं में से लगभग चार में से तीन “R&D गतिविधियों” में शामिल थीं।हालाँकि प्रमुख वैज्ञानिक एजेंसियों (सरकारी) में कार्यरत 23,008 महिलाओं में से आधी से कम ‘R&D गतिविधियों’ की श्रेणी में शामिल थीं।इसके अलावा, निजी क्षेत्र के R&D प्रतिष्ठानों में प्रत्येक छह पुरुष वैज्ञानिकों पर एक महिला वैज्ञानिक कार्यरत है। हालाँकि प्रमुख वैज्ञानिक एजेंसियों में प्रत्येक चार पुरुष पर एक महिला का अनुपात है।मेडिकल साइंस और नेचुरल साइंस के बाद ’इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी’ में सबसे अधिक वैज्ञानिक (निजी एवं सार्वजनिक वित्त पोषित संगठनों सहित) कार्यरत थे।


विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकेतक (Science and Technology Indicators-STI) भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थिति का एक आवधिक संकलन है।इसे राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रबंधन सूचना प्रणाली (National Science and Technology Management Information System), विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के एक विभाग द्वारा तैयार किया गया है।


R&D में महिलाओं की कम भागीदारी के कारण:


सरकारी फर्मों की तुलना में निजी कंपनियों के नियोक्ता और प्रबंधक महिला कर्मचारियों को रोज़गार देने और प्रोन्नति को बढ़ावा देने के प्रति अधिक उत्तरदायी है।डॉक्टरेट और प्रोफेशनल स्टेज के बीच महिलाओं की संख्या में आने वाली भारी गिरावट के लिये सामाजिक और पारिवारिक दबाव प्रमुख कारण होता है, जो कि पेशेवर कैरियर के साथ असंगत दिखाई पड़ता है।महिलाओं की नियुक्ति के संदर्भ में पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण का झुकाव भी देखने को मिलता हैं, इस स्तर पर बहुत सी महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है, साथ ही महिलाओं पर करियर के स्थान पर परिवार को महत्त्व देने की महत्त्वाकांक्षा का भार भी डाला जाता है।



विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को बढ़ावा देने की पहल


विज्ञान ज्योति योजना (Vigyan Jyoti Scheme):


विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा विज्ञान ज्योति योजना शुरू की गई है।इस योजना का उद्देश्य स्टेम शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ाना है।इस योजना के अंतर्गत छात्राओं के लिये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में विज्ञान शिविर का आयोजन किया जाएगा, साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कॉर्पोरेट, विश्वविद्यालयों तथा डीआरडीओ जैसे शीर्ष संस्थानों में कार्यरत सफल महिलाओं से शिविर के माध्यम से संपर्क स्थापित करवाया जाएगा।


GATI योजना:


जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टीट्यूशनस (GATI) STEM में लिंग समानता का आकलन करने के लिये एक समग्र चार्टर और रूपरेखा तैयार करेगा।

 


किरण योजना (KIRAN Scheme):


केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किरण योजना (KIRAN Scheme) की शुरुआत की गई।किरण (KIRAN) का पूर्ण रूप ‘शिक्षण द्वारा अनुसंधान विकास में ज्ञान की भागीदारी’ (Knowledge Involvement in Research Advancement through Nurturing) है।KIRAN विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में लैंगिक समानता से संबंधित विभिन्न मुद्दों/चुनौतियों का समाधान कर रही है।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao Beti Padhao-BBBP) योजना:


महिला एवं बाल विकास मंत्रालय BBBP योजना के लिये एक नोडल मंत्रालय है, जो मानव संसाधन विकास और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से ‘बाल लिंगानुपात’ (Child Sex Ratio-CSR) तथा एस.आर.बी. में कमी लाने का प्रयास करता है।

 


28 फरवरी 2020 को ‘वूमन इन साइंस’ थीम के साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD) मनाया गया।

 

इस अवसर पर CSIR- सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CDRI), लखनऊ की एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. निती कुमार को SERB महिला उत्कृष्टता पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया गया।


उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) की रिपोर्ट 2018-19 के अनुसार, देश में लिंग अंतराल पिछले वर्ष अर्थात् 2017-18 की तुलना में कम हो गया है।


शी-बॉक्स जैसी पहल से कार्य स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बेहतर भागीदारी को बढ़ावा मिला है।