अर्थव्यवस्था समसामियिकी 1 (21-Aug-2020)
ट्राइफूड परियोजना (TRIFOOD Project)

Posted on August 21st, 2020 | Create PDF File

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केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने महाराष्ट्र के रायगढ़ और छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में ट्राइफेड की ट्राइफूड परियोजना वर्चुअल तरीके से लांच की।

 


इस परियोजना का कार्यान्वयन खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के सहयोग से जनजातीय कार्य मंत्रालय के ट्राइफेड द्वारा किया जा रहा है।ट्राइफूड परियोजना का लक्ष्य जनजातीय वन संग्रहकर्ताओं द्वारा संग्रहित गौण वन ऊपज (Minor Forest Produce– MFP) के बेहतर उपयोग एवं मूल्य वर्धन के जरिये जनजातीयों की आय को बढ़ाना है।इसके लिए आरंभ में, दो गौण वन ऊपज तृतीयक प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।महाराष्ट्र के रायगढ़ की इकाई का उपयोग महुआ, आंवला, कस्टर्ड सेब एवं जामुन के मूल्य वर्धन के लिए किया जाएगा तथा यह महुआ पेय, आवंले का जूस और कस्टर्ड सेब पल्प का उत्पादन करेगी।छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के मल्टीकमोडिटी प्रोसेसिंग सेंटर का उपयोग महुआ, आंवला, शहद, काजू, हल्दी, अदरक, लहसुन एवं अन्य फलां तथा सब्जियों के लिए किया जाएगा।ट्राइफूड परियोजना प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज के जरिये जनजातीय आय और रोजगार में बढोतरी करेगी।

 


ट्राइफेड की स्थापना भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्था के रूप में बहु-राज्य सहकारी समितियों अधिनियम, 1984 के तहत अगस्त 1987 में की गई थी।यह जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।इसका उद्देश्य गौण वन ऊपज तथा अधिशेष कृषि उत्पादों के व्यापार को संस्थागत रूप से एकत्रित/संवर्धित करके देश के आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायता करना है।