व्यक्ति विशेष समसामयिकी 2(5-July-2023)
स्वामी विवेकानन्द
(Swami Vivekananda)

Posted on July 6th, 2023 | Create PDF File

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भारत के प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानन्द को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और सशक्त भारत के लिये उनके प्रेरक सिद्धांतों की सराहना की।

 

स्वामी विवेकानन्द ने 4 जुलाई, 1902 को 39 वर्ष की आयु में महासमाधि (मृत्यु) प्राप्त की।

 

यह उनके सेवा, मानवता और आध्यात्मिक ज्ञान के आदर्शों को याद करने का दिन है।

 

स्वामी विवेकानन्द एक हिंदू भिक्षु, दार्शनिक, लेखक और सुधारक थे जिन्होंने पश्चिमी विश्व को वेदांत तथा योग से परिचित कराया।

 

वह रामकृष्ण के प्रमुख शिष्य थे जिन्होंने उन्हें सभी धर्मों की एकता की शिक्षा दी थी।

 

उन्होंने रामकृष्ण मठ और मिशन की स्थापना की, जो आध्यात्मिक तथा सामाजिक सेवा को बढ़ावा देता है।

 

उन्होंने अपने भाषणों और लेखों से लाखों लोगों को प्रेरित किया।

 

स्वामी विवेकानंद :

 

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ तथा उनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था।

 

वह रामकृष्ण परमहंस के एक मुख्य शिष्य और भिक्षु थे।

 

उन्होंने वेदांत और योग के भारतीय दर्शन का परिचय पश्चिमी दुनिया को कराया।

 

वेदांत दर्शन :

 

वेदांत दर्शन उपनिषद् पर आधारित है तथा इसमें उपनिषद् की व्याख्या की गई है।

 

वेदांत दर्शन में ब्रह्म की अवधारणा पर बल दिया गया है, जो उपनिषद् का केंद्रीय तत्त्व है।

 

इसमें वेद को ज्ञान का परम स्रोत माना गया है, जिस पर प्रश्न खड़ा नहीं किया जा सकता।

 

वेदांत में संसार से मुक्ति के लिये त्याग के स्थान पर ज्ञान के पथ को आवश्यक माना गया है और ज्ञान का अंतिम उद्देश्य संसार से मुक्ति के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति है।

 

वर्ष 1897 में विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस की मृत्यु के पश्चात् रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इस मिशन ने भारत में शिक्षा और लोकोपकारी कार्यों जैसे- आपदाओं में सहायता, चिकित्सा सुविधा, प्राथमिक और उच्च शिक्षा तथा जनजातियों के कल्याण पर बल दिया।