अंतर्राष्ट्रीय समसामयिकी 1(4-July-2023)
ऊर्जा संक्रमण सूचकांक 2023
(Energy Transition Index 2023)

Posted on July 6th, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने अपने ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (ETI) में भारत को वैश्विक स्तर पर 67वें स्थान पर रखा है।

 

सूचकांक के अनुसार, भारत एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है जिसमें सभी आयामों में ऊर्जा परिवर्तन की गति तेज़ देखी गई है और सिंगापुर एकमात्र अन्य प्रमुख देश है जो संतुलित तरीके से स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा और इक्विटी को बढ़ाकर "उचित गति" प्रदर्शित कर रहा है।

 

ETI 120 अर्थव्यवस्थाओं के लिये आर्थिक विकास एवं वृद्धि, पर्यावरणीय स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा, अभिगम संकेतकों और सुरक्षित, स्थायी, किफायती तथा समावेशी ऊर्जा प्रणालियों में संक्रमण की उनकी तत्परता के आधार पर ऊर्जा प्रणालियों के वर्तमान प्रदर्शन पर मानदंड सुनिश्चित करता है।

 

ऊर्जा संक्रमण सूचकांक की मुख्य विशेषताएँ :

 

रैंकिंग :

 

इस सूची में स्वीडन शीर्ष पर है और उसके बाद 120 देशों की सूची में शीर्ष पाँच में डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड और स्विट्ज़रलैंड हैं।

 

शीर्ष 10 देशों में फ्राँस (7वें) एकमात्र G20 देश था, उसके बाद जर्मनी (11वें), अमेरिका (12वें) और यूनाइटेड किंगडम (13) का स्थान है।

 

वैश्विक दृष्टिकोण :

 

वर्ष 2014 के बाद से वैश्विक औसत ETI स्कोर में 10% की वृद्धि हुई है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में न्यूनतम वृद्धि देखी गई है।

 

पिछले दशक में केवल 41 देशों ने लगातार प्रगति प्रदर्शित की है।

 

भारत की ऊर्जा संक्रमण प्रगति और चिंताएँ :

 

योगदानकर्ता: सार्वभौमिक विद्युत पहुँच, खाना पकाने के आदर्श विकल्प और नवीकरणीय ऊर्जा परिनियोजन ने भारत के प्रदर्शन में सुधार किया है।

 

प्राकृतिक गैस पर कम निर्भरता तथा मौजूदा क्षमताओं के प्रभावी उपयोग से भारत को हाल के ऊर्जा संकट का सामना करने में सहायता प्राप्त हुई।

 

चिंताएँ :

 

वैश्विक ऊर्जा बाज़ार की अस्थिरता मुख्य रूप से कार्बन-सघन ऊर्जा मिश्रण के बीच आयात पर बढ़ती निर्भरता की चुनौतियों में आर्थिक विकास को संतुलित करना तथा बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी के लिये गुणवत्तापूर्ण नौकरियाँ सृजित करना शामिल है।

 

अनुशंसाएँ :

 

दीर्घकालिक ऊर्जा संक्रमण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये निरंतर गति, प्रभावी नीति प्रबंधन के साथ-साथ साझेदारी महत्त्वपूर्ण है। इसमें समावेशिता सुनिश्चित करते हुए स्वच्छ ऊर्जा निवेश, नवाचार तथा ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना भी शामिल है।

 

भारत के सफल ऊर्जा संक्रमण के लिये एक कुशल कार्यबल का निर्माण, सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देने के साथ कार्बन न्यून प्रौद्योगिकी अनुसंधान तथा विकास में निवेश करना आवश्यक है।

 

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम :

 

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) एक स्विस गैर-लाभकारी संस्थान है जिसकी स्थापना वर्ष 1971 में जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में हुई थी।

 

यह सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में स्विस सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।

 

मिशन :

 

WEF वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग जगत की परियोजनाओं को आकार देने हेतु व्यापारिक, राजनीतिक, शिक्षा क्षेत्र और समाज के अन्य प्रतिनिधियों को शामिल करके विश्व की स्थिति में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है।

 

संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष : क्लॉस श्वाब (Klaus Schwab)।

 

WEF द्वारा प्रकाशित प्रमुख रिपोर्टों में से कुछ निम्नलिखित हैं :

 

ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (Energy Transition Index- ETI)

 

वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता रिपोर्ट (Global Competitiveness Report)

 

वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट (Global IT Report)

 

WEF द्वारा INSEAD और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया जाता है।

 

वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट (Global Gender Gap Report)

 

वैश्विक जोखिम रिपोर्ट (Global Risk Report)

 

वैश्विक यात्रा और पर्यटन रिपोर्ट (Global Travel and Tourism Report)