राष्ट्रीय समसामयिकी 1(28-July-2023)
फेम इंडिया का दूसरा चरण
(Second Phase of FAME INDIA)

Posted on August 1st, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में भारी उद्योग राज्य मंत्रालय ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में भारत में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज़ी से अपनाने एवं विनिर्माण (फेम इंडिया) योजना चरण/फेज-II के विकास पर प्रकाश डाला।

 

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles- EVs) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फेम इंडिया योजना ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने और इलेक्ट्रिक गतिशीलता बुनियादी ढाँचे के विस्तार में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 

 

फेम इंडिया फेज-II :

 

‘फेम इंडिया’ नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन (NEMM) का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। ‘फेम’ का मुख्य ज़ोर सब्सिडी प्रदान करके इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करना है।

 

योजना के दो चरण :

 

चरण-I :

 

यह वर्ष 2015 में शुरू हुआ और 31 मार्च, 2019 को पूरा हो गया।

 

इस योजना में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक तकनीक जैसे- माइल्ड हाइब्रिड, स्ट्रांग हाइब्रिड, प्लग इन हाइब्रिड और बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं।

 

चरण-II :

 

अवधि : 1 अप्रैल, 2019 से पाँच वर्ष।

 

बजटीय सहायता : 10,000 करोड़ रुपए।

 

लक्ष्य : 7,090 e-बस, 5 लाख e-3 व्हीलर, 55,000 e-4 व्हीलर पैसेंजर कार और 10 लाख e-2 व्हीलर को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करना।

 

फोकस : सार्वजनिक और साझा परिवहन का विद्युतीकरण।

 

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये उठाए गए कदम :

 

EV चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार :

 

चरण-I के तहत :

 

520 चार्जिंग स्टेशन/बुनियादी ढाँचे को मंज़ूरी।

 

चरण-II :

 

25 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों तथा 9 एक्सप्रेस-वे और 16 राजमार्गों पर 1,576 चार्जिंग स्टेशनों को मंज़ूरी।

 

OMC के लिये पूंजीगत सब्सिडी: 7,432 इलेक्ट्रिक वाहनों के सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिये 800 करोड़ रुपए स्वीकृत।

 

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये सरकारी प्रोत्साहन और सब्सिडी:

 

फेम इंडिया योजना चरण-II :

 

क्रेताओं के लिये EV की खरीद कीमत में अग्रिम कटौती।

 

ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिये उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन (Production Linked Incentive Scheme- PLI Scheme) योजना:

 

इलेक्ट्रिक वाहनों सहित वाहनों के घरेलू विनिर्माण को समर्थन देने के लिये 25,938 करोड़ रुपए का बजटीय परिव्यय।

 

उन्नत रसायन विज्ञान सेल (Advanced Chemistry Cell- ACC) के लिये PLI योजना:

 

देश में प्रतिस्पर्द्धी ACC बैटरी मैन्युफैक्चरिंग सेटअप स्थापित करने के लिये 18,100 करोड़ रुपए का बजटीय परिव्यय।

 

GST और छूट में कमी :  

 

इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। 

 

इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर/चार्जिंग स्टेशन पर GST 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। 

 

छूट और शुल्क माफ : 

 

बैटरी से चलने वाले वाहनों को परमिट आवश्यकताओं में छूट दी जाती है, उन्हें हरे रंग की लाइसेंस प्लेट प्रदान की जाती है। 

 

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने राज्यों को प्रारंभिक लागत कम करने के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड शुल्क माफ करने की सलाह दी।