पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(26-July-2023)
बटागाइका क्रेटर
(Batagaica Crater)

Posted on July 27th, 2023 | Create PDF File

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रूस का बटागाइका क्रेटर, विश्व का सबसे बड़ा 1 किमी. लंबा पर्माफ्रॉस्ट क्रेटर है, जो ग्लोबल वार्मिंग और पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने के कारण फैलता है।

 

निर्वनीकरण से भूमिगत पर्माफ्रॉस्ट पिघलने लगा, जिससे रूस के साखा गणराज्य (Sakha Republic) में क्रेटर का विकास हुआ। इसमें खतरनाक जैविक कार्बन भी मौजूद है, जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ा रहा है।

 

रूस में तापमान चिंताजनक दर से बढ़ रहा है, जो वैश्विक औसत से लगभग 2.5 गुना अधिक तीव्र है।

 

परिणामस्वरूप देश के लंबे समय से जमे हुए टुंड्रा के बड़े क्षेत्र, जो इसके लगभग 65% भूभाग को कवर करते हैं, पिघल रहे हैं, जिससे मीथेन जैसी शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैसें निकल रही हैं।

 

पर्माफ्रॉस्ट वह भूमि है जो लगातार कम-से-कम दो वर्षों तक पूरी तरह से जमी रहती है - 32°F (0°C) या इससे अधिक ठंडी।

 

ये स्थायी रूप से जमे हुए मैदान ऊँचे पहाड़ों वाले क्षेत्रों और पृथ्वी के उच्च अक्षांशों में सबसे आम हैं: उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के पास।

 

पर्माफ्रॉस्ट :

 

पर्माफ्रॉस्ट अथवा स्थायी तुषार भूमि वह क्षेत्र है जो कम-से-कम लगातार दो वर्षों से शून्य डिग्री सेल्सियस (32 डिग्री F) से कम तापमान पर जमी हुई अवस्था में है।

 

ये स्थायी रूप से जमे हुए मैदान अक्सर आर्कटिक क्षेत्रों जैसे- ग्रीनलैंड, अलास्का (संयुक्त राज्य अमेरिका), कनाडा, रूस और पूर्वी यूरोप में पाए जाते हैं।

 

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के अनुसार, पर्माफ्रॉस्ट "मृदा, चट्टानों और रेत के संयोजन से बने हैं जो बर्फ द्वारा एक साथ संयोजित होते हैं। पर्माफ्रॉस्ट में मृदा और बर्फ वर्ष भर जमी रहती है।

 

हालाँकि यहाँ भूमि हमेशा जमी रहती है, जबकि पर्माफ्रॉस्ट क्षेत्र हमेशा बर्फ से ढके नहीं होते हैं।