राष्ट्रीय समसामयिकी 1(7-November-2023)
गेहूँ के आटे की बढ़ती कीमतों को स्थिर करने हेतु ‘भारत’ ब्रांड आटे की बिक्री
(Sale of ‘Bharat’ brand flour to stabilize rising prices of wheat flour)

Posted on November 7th, 2023 | Create PDF File

hlhiuj

भारत सरकार ने 'भारत' ब्रांड आटे (गेहूँ का आटा) की बिक्री 27.50 रुपए प्रति किलोग्राम के अधिकतम खुदरा मूल्य (Maximum Retail Price- MRP) के साथ शुरू की है, जो राष्ट्रीय औसत मूल्य 35.93 रुपए प्रति किलोग्राम से कम है।

 

यह पहल आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के सरकार के प्रयासों का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।

 

'भारत' ब्रांड आटा केंद्रीय भंडार, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Limited- NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (National Cooperative Consumer Federation- NCCF) सहित विभिन्न आउटलेट्स के माध्यम से उपलब्ध होगा, ताकि भारत' ब्रांड आटे तक व्यापक स्तर पर उपभोक्ताओं की पहुँच सुनिश्चित हो सके।

 

NAFED वर्ष 1958 में स्थापित कृषि उत्पाद खरीद और विपणन हेतु एक अग्रणी भारतीय सहकारी संगठन है। 

 

NCCF उपभोक्ता सहकारी समितियों हेतु एक शीर्ष संगठन है। यह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत कार्य करता है।

 

NAFED और NCCF दोनों बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत हैं।

 

आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने के प्रयासों से न केवल उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है, बल्कि किसानों को भी उनकी उपज हेतु उचित मूल्य सुनिश्चित करने में समर्थन मिला है।

 

भारत में खाद्यान्न संग्रहण तथा प्रबंधन :

 

भारत में खाद्यान्नों की खरीद, संग्रहण, स्थानांतरण, सार्वजनिक वितरण तथा बफर स्टॉक के रख-रखाव की ज़िम्मेदारी भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India- FCI) की है। FCI भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग मंत्रालय के अधीन एक नोडल एजेंसी है।

 

FCI का उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System- PDS) तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु अनाजों के स्टॉक की संग्रहण आवश्यकताओं को पूरा करना है।

 

FCI न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price- MSP) पर किसानों से खाद्यान्नों की खरीद करता है, बशर्ते वे अनाज, केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करते हों।

 

खाद्यान्नों की खरीद FCI की तरफ से राज्य सरकार की एजेंसियों तथा निजी मिलों द्वारा भी की जाती है।

 

सभी खरीदे गए अनाज केंद्रीय भंडार (Central Pool) का निर्माण करते हैं।

 

इसके बाद अनाजों को अधिशेष राज्यों से उपभोक्ता राज्यों में वितरण हेतु भेजा जाता है। इसके अतिरिक्त देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये इसके बफर स्टॉक हेतु अनाजों का संग्रह FCI के भंडार गृहों में किया जाता है।

 

FCI तथा राज्य सरकारों द्वारा खाद्यान्नों का निपटारा खुली बाज़ार बिक्री योजना (Open Market Sales Scheme- OMSS) के तहत किया जाता है। इसके अंतर्गत समय-समय पर खाद्यान्नों की बिक्री पूर्व निर्धारित कीमतों पर खुले बाज़ार में की जाती है ताकि अनाजों की कमी के समय इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके तथा बाज़ार की कीमतों में स्थिरता बनी रहे।

 

FCI की आर्थिक लागत में खाद्यान्नों का अधिग्रहण, खरीद से जुड़े अन्य व्यय (श्रमिक एवं यातायात शुल्क और गोदामों का किराया आदि) तथा वितरण शुल्क (माल ढुलाई, निगरानी, संग्रह और ब्याज शुल्क, संग्रह के दौरान हुई हानि इत्यादि) शामिल हैं।

 

भारत में खाद्यान्न का संग्रह पारंपरिक तरीके से किसानों द्वारा किया जाता है, जबकि अधिशेष अनाज का संग्रहण सरकारी एजेंसियों जैसे- FCI, केंद्रीय तथा राज्य भंडारण निगमों द्वारा किया जाता है।