संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य का निष्कासन (Removal process of union public service commission members )

Posted on May 25th, 2022 | Create PDF File

hlhiuj

राष्ट्रपति संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या दूसरे सदस्यों को निम्नलिखित परिस्थितियों में हटा सकता है:

 

(क) अगर उसे दिवालिया घोषित कर दिया जाता है, या

 

(ख) अपनी पदावधि के दौरान अपने पद के कर्तव्यों के बाहर किसी से वेतन नियोजन में लगा हो, या

 

(ग) अगर राष्ट्रपति ऐसा समझता है कि वह मानसिक या शारीरिक असक्षमता के कारण पद पर बने रहने योग्य नहीं  है।

 

इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति आयोग के अध्यक्ष या दूसरे सदस्यों को उनके कदाचार के कारण भी हटा सकता है। किंतु ऐसे मामलों में  राष्ट्रपति को यह मामला जांच के लिए उच्चतम न्यायालय में भेजना  होता है। अगर उच्चतम न्यायालय जांच के बाद बर्खास्त करने के  परामर्श का समर्थन करता है तो राष्ट्रपति, अध्यक्ष या दूसरे सदस्यों को  पद से हटा सकते हैं। संविधान के इस उपबंध के अनुसार, उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले में दी गई सलाह राष्ट्रपति के लिए बाध्य  है। उच्चतम न्यायालय द्वारा की जाने वाली जांच के दौरान राष्ट्रपति, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व दूसरे सदस्यों को निलंबित कर सकता है।

 

इस संदर्भ में शब्द 'कदाचार' के बारे में संविधान कहता है कि संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या अन्य सदस्य को कदाचार का  दोषी माना जाएगा, अगर वह (क) भारत सरकार या राज्य सरकार  की किसी संविदा या करार से संबंधित या इच्छुक है। (ख) निगमित  कंपनी के सदस्य और कंपनी के अन्य सदस्यों के साथ सम्मिलित रूप से संविदा या करार में लाभ के लिए भाग लेता है।