राज्य समसामियिकी 1 (18-Feb-2019)^राजस्थान जन आधार प्राधिकरण विधेयक पारित^(Rajasthan Jan Aadhaar Authority Bill passed)
Posted on February 18th, 2020
राज्य विधानसभा ने राजस्थान जन आधार प्राधिकरण विधेयक, 2020 और राजस्थान कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2020 मंगलवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बारे में 18 दिसम्बर, 2019 को राजस्थान जन आधार प्राधिकरण अध्यादेश, 2019 लाई थी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत वर्ष जुलाई में पेश अपने बजट में राजस्थान जन-आधार योजना लाने की बात कही थी। इसकी गाइडलाइन के अनुसार इसके तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को 10 अंक की परिवार पहचान संख्या वाला जन-आधार कार्ड दिया जाएगा। परिवार में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की महिला को मुखिया बनाया जाएगा। महिला नहीं है तो 21 वर्ष या इससे अधिक आयु का पुरुष मुखिया होगा।
वहीं सदन ने राजस्थान कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2020 को भी ध्वनिमत से पारित किया।
संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विधेयक प्रस्तुत करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने 2019-20 के बजट में किसानों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की तर्ज पर ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग की ओर बड़ा कदम उठाते हुए एक हजार करोड़ रुपए के कृषक कल्याण कोष बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने इस कोष में एक हजार करोड़ रुपए और डालने की घोषणा की।
धारीवाल ने बताया कि पूर्ववर्ती किसान कल्याण कोष में मुख्यतः उत्पादन से विपणन तक पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट (पीएचएम) गतिविधियों का समावेश था जबकि नए कृषक कल्याण कोष में पुरानी गतिविधियों के साथ कई नई महत्वपूर्ण गतिविधियां शामिल की गई हैं। नए कोष में कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय, कृषि निर्यात प्रोत्साहन के साथ किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए तत्काल भुगतान की व्यवस्था की गई है। इस बारे में अध्यादेश गत 16 दिसंबर को लाया गया।
राज्य समसामियिकी 1 (18-Feb-2019)राजस्थान जन आधार प्राधिकरण विधेयक पारित(Rajasthan Jan Aadhaar Authority Bill passed)
राज्य विधानसभा ने राजस्थान जन आधार प्राधिकरण विधेयक, 2020 और राजस्थान कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2020 मंगलवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बारे में 18 दिसम्बर, 2019 को राजस्थान जन आधार प्राधिकरण अध्यादेश, 2019 लाई थी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत वर्ष जुलाई में पेश अपने बजट में राजस्थान जन-आधार योजना लाने की बात कही थी। इसकी गाइडलाइन के अनुसार इसके तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को 10 अंक की परिवार पहचान संख्या वाला जन-आधार कार्ड दिया जाएगा। परिवार में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की महिला को मुखिया बनाया जाएगा। महिला नहीं है तो 21 वर्ष या इससे अधिक आयु का पुरुष मुखिया होगा।
वहीं सदन ने राजस्थान कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2020 को भी ध्वनिमत से पारित किया।
संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विधेयक प्रस्तुत करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने 2019-20 के बजट में किसानों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की तर्ज पर ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग की ओर बड़ा कदम उठाते हुए एक हजार करोड़ रुपए के कृषक कल्याण कोष बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने इस कोष में एक हजार करोड़ रुपए और डालने की घोषणा की।
धारीवाल ने बताया कि पूर्ववर्ती किसान कल्याण कोष में मुख्यतः उत्पादन से विपणन तक पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट (पीएचएम) गतिविधियों का समावेश था जबकि नए कृषक कल्याण कोष में पुरानी गतिविधियों के साथ कई नई महत्वपूर्ण गतिविधियां शामिल की गई हैं। नए कोष में कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय, कृषि निर्यात प्रोत्साहन के साथ किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए तत्काल भुगतान की व्यवस्था की गई है। इस बारे में अध्यादेश गत 16 दिसंबर को लाया गया।