अर्थव्यवस्था समसामियिकी4 (23-Aug-2020)
'प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (Prime Minister Employment Generation Program-PMEGP)

Posted on August 23rd, 2020 | Create PDF File

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‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ (Khadi and Village Industries Commission- KVIC) के नेतृत्व में 'प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम’ (Prime Minister Employment Generation Program- PMEGP) के कार्यान्वयन में काफी प्रगति देखने को मिली है।


हाल ही में जारी आंकड़ों (1 अप्रैल से 18 अगस्त तक) के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष के पहले पाँच महीनों में इस कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं की स्वीकृति में 44% की वृद्धि देखने को मिली है।1 अप्रैल के बाद से ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ द्वारा बैंकों से वित्तपोषण हेतु 1.03 लाख आवेदनों को मंज़ूरी दी गई है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में मात्र 71,556 परियोजनाओं को वित्तपोषण के लिये मंज़ूरी दी गई थी।चालू वित्तीय वर्ष में 'प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम’ के तहत प्राप्त आवेदनों की संख्या में 5% की वृद्धि देखने को मिली है।इस वर्ष 1 अप्रैल से 18 अगस्त के बीच 'प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम’ के तहत ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ को 1,78,003 आवेदन प्राप्त हुए जबकि इसी अवधि के दौरान वर्ष 2019 में 1,68,848 आवेदन प्राप्त हुए थे।



‘प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम’ केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है।इस योजना की शुरुआत वर्ष 2008 में प्रधानमंत्री रोज़गार योजना (PMRY) और ग्रामीण रोज़गार सृजन कार्यक्रम को मिलाकर की गई थी।‘केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय’ के तहत संचालित इस योजना का क्रियान्वयन ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ (Khadi and Village Industries Commission- KVIC) द्वारा किया जाता है।

 

उद्देश्य:


* स्वरोज़गार से जुड़े नए उपक्रमों/सूक्ष्म उद्यमों/परियोजनाओं के विकास को बढ़ावा देकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना।

* ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की तरफ युवाओं के पलायन को रोकने के लिये देश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गार युवाओं और कलाकारों के लिये स्थायी रोज़गार का प्रबंध करना।


पात्रता:


* कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो।

* इस कार्यक्रम के तहत केवल नई इकाइयों की स्थापना के लिये सहायता प्रदान की जाती है।

* इस कार्यक्रम के तहत विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख से अधिक की परियोजनाओं और सेवा क्षेत्र में 5 लाख से अधिक की परियोजनाओं के लिये शैक्षणिक योग्‍यता के तौर पर लाभार्थी को आठवीं कक्षा उत्‍तीर्ण होना अनिवार्य है।

* इसके साथ ही ऐसे स्वयं सहायता समूह जिन्हें किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ न मिल रहा हो, ‘सोसायटी रजिस्‍ट्रेशन अधिनियम, 1860’ के तहत पंजीकृत संस्‍थान, उत्‍पादक कोऑपरेटिव सोसायटी और चैरिटेबल ट्रस्‍ट आदि इसके तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।


इसके तहत सामान्य श्रेणी (General Category) के लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत का 25% और शहरी क्षेत्रों 15% सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।इस कार्यक्रम के तहत एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक/महिला, भूतपूर्व सैनिक, दिव्यांग, पहाड़ी और सीमा क्षेत्र, आदि से संबंधित आवेदक ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत का 35% और शहरी क्षेत्रों में परियोजना लागत की25% सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।