अंतर्राष्ट्रीय समसामयिकी 1 (30-May-2021)
नामीबिया नरसंहार
(Namibia Massacre)

Posted on May 30th, 2021 | Create PDF File

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जर्मनी ने पहली बार लगभग एक सदी पूर्व अपने औपनिवेशिक शासन के दौरान वर्तमान नामीबिया में हेरेरो और नामा लोगों के विरुद्ध नरसंहार में अपनी भूमिका को स्वीकार किया था और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्र को एक अरब यूरो से अधिक की वित्तीय सहायता का भी वादा किया है।

 

वर्ष 1904 और वर्ष 1908 के बीच जब हेरो और नामा जनजातियों के लोगों द्वारा जर्मन औपनिवेशिक शासन के खिलाफ विद्रोह किया गया तो औपनिवेशिक शासकों ने हज़ारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मार डाला था।

 

उस समय इस क्षेत्र को ‘जर्मन दक्षिण पश्चिम अफ्रीका’ के रूप में जाना जाता था।

 

वर्ष 1884 से वर्ष 1890 के बीच जर्मनी ने औपचारिक रूप से वर्तमान नामीबिया के कुछ हिस्सों का उपनिवेश बनाया , जो यूरोपीय राष्ट्र (जर्मनी) से लगभग दोगुना बड़ा था, लेकिन घनी आबादी वाला नहीं था।

 

वर्ष 1903 तक लगभग 3,000 जर्मन लोगों ने इस क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया था।

 

जर्मन लोगों की संख्या बढ़ने के साथ तनाव भी बढ़ने लगा, क्योंकि वहाँ की स्थानीय जनजातियों ने जर्मन लोगों को अपनी भूमि और संसाधनों के लिये खतरे के रूप में देखा।

 

इसके बाद वर्ष 1904 में हेरेरो और नामा जनजातियों ने जर्मनी के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष कर शुरू कर दिया।

 

आगामी तीन वर्षों में, हज़ारों नामा और हेरेरो पुरुषों, महिलाओं तथा बच्चों को मार दिया गया और कई लोगों को कई कंसंट्रेशन कैंप में भेज दिया गया एवं उन्हें ज़बरन श्रम के लिये इस्तेमाल किया गया।

 

जर्मनी ने वर्ष 1915 तक इस क्षेत्र पर शासन करना जारी रखा, जिसके बाद यह क्षेत्र दक्षिण अफ्रीका के नियंत्रण में आ गया और अंततः वर्ष 1990 में नामीबिया को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।