राष्ट्रीय समसामयिकी 2 (21-Jan-2021)
वीर सावरकर
(Veer Savarkar)

Posted on January 21st, 2021 | Create PDF File

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उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के एक विधान परिषद् सदस्य द्वारा हिंदू महासभा के नेता विनायक दामोदर सावरकर के चित्र को राज्य विधान परिषद की तस्वीर गैलरी से हटाने की मांग की गयी है। विधान परिषद् सदस्य ने कहा है, कि सावरकर के चित्र को स्वतंत्रता सेनानियों के बगल में लगाया जाना इनका अपमान है। इससे राज्य में विवाद छिड़ गया है।

 

विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में भागुर शहर में हुआ था। इन्होने, ‘मित्र मेला’ नामक एक युवाओं के संगठन का गठन किया था। इस संगठन की स्थापना राष्ट्रीय और क्रांतिकारी विचार उत्पन्न करने के लिए की गयी थी। वह विदेशी वस्तुओं के विरोधी थे और ‘स्वदेशी’ के विचार का समर्थन करते थे।

 

उन्होंने नास्तिकता और तार्किकता का समर्थन किया और रूढ़िवादी हिंदू विचारों का खंडन किया। वास्तव में, उन्होंने गाय की पूजा को भी अंधविश्वास कह कर खारिज कर दिया। विनायक सावरकर , वर्ष 1937 से 1943 के दौरान हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे।

 

22 अक्टूबर 1939 को कांग्रेस मंत्रालयों द्वारा त्यागपत्र दिए जाने के बाद, इनके नेतृत्व में हिंदू महासभा ने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सिंध, बंगाल और पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत (NWFP) प्रांतों में सरकार बनाने के लिए सहयोग किया। सावरकर ने, पुणे में, “अभिनव भारत समाज” नामक संगठन की स्थापना की।

 

इन्होने, लोकमान्य तिलक की स्वराज पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण की। इन्होंने ‘फ्री इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की। इस सोसायटी के द्वारा त्योहारों, स्वतंत्रता आंदोलन संबंधी प्रमुख घटनाओं सहित भारतीय कैलेंडर की महत्वपूर्ण तिथियों को मनाया जाता था और यह भारतीय स्वतंत्रता के संदर्भ में विमर्श को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित थी।

 

वह भारत को अंग्रेजों से मुक्त करने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करने पर यकीन और समर्थन करते थे और इन्होने इंग्लैंड में, हथियारों से लैस भारतीयों का एक नेटवर्क भी तैयार किया।

 

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास नामक पुस्तक लिखी। मॉर्ले-मिंटो सुधार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह किया। अपनी ‘हिंदुत्व’ नामक पुस्तक में दो-राष्ट्र सिद्धांत दिया।