भूगोल समसामियिकी 1 (19-May-2019)
भारतीय मॉनसून और अटलांटिक नीनो में परस्पर संबंध : अध्ययन (Interrelationship in Indian Monsoon and Atlantic Nino: Study)

Posted on May 19th, 2019 | Create PDF File

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एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में गर्मियों के दौरान मॉनसून की बारिश और अटलांटिक समुद्र सतह के तापमान में विसंगतियों के बीच परस्पर संबंध (टेलीकम्युनिकेशन) तेजी से बढ़ रहा है। इससे भारत में मॉनसून के बारे में ज्यादा सटीक अनुमान की संभावनाएं प्रबल होती हैं।

 

अटलांटिक महासागर के असाधारण तरीके से गर्म होने या ठंडे होने को अटलांटिक जोनल मोड (एजेडएम) या अटलांटिक नीनो के नाम से जाना जाता है और यह अफ्रीका में मौसम को प्रभावित करता है।

 

अबू धाबी स्थित भारतीय मौसम वैज्ञानिक अजय रविंद्रन की अगुवाई में हुए अध्ययन के मुताबिक गर्म होते विश्व में भारतीय ग्रीष्म मॉनसून वर्षा और अटलांटिक नीनो के बीच परस्पर संबंध बढ़ रहा है जो भारत के लाखों लोगों को प्रभावित करता है।

 

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी अबू धाबी के सेंटर फॉर प्रोटोटाइप क्लाइमेट मॉडलिंग की ओर से किए गए अध्ययन के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पूर्वी उष्णकटिबंधीय अटलांटिक महासागर के ऊपर समुद्र सतह तापमान की अंतर वार्षिक अस्थिरता में काफी बढ़ोतरी हुई है।

 

अस्थिरता बढ़ जाने से अटलांटिक नीनो संबंधी घटनाओं में बढ़ोतरी होती है। इनमें हिंद महासागर में जबर्दस्त केल्विन तरंगें उठना शामिल है। केल्विन तरंगें धरती के भूमध्यरेखीय वातावरण के पास नजर आने वाली बाधाओं को कहा जाता है।