अन्तर्राष्ट्रीय समसामियिकी 4 (1-July-2020)
गलवान घाटी में भारत और चीन
(India and China in Galvan Valley)

Posted on July 1st, 2020 | Create PDF File

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हाल ही में गलवान घाटी (Galwan Valley) भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें दोनों पक्षों को भारी जान-माल के नुकसान का सामना करना पड़ा। ध्यातव्य है कि गलवान घाटी वर्ष 1962 से ही दोनों देशों के बीच तनाव का एक विषय बना हुआ है। चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में दावा किया है कि संपूर्ण गलवान घाटी ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा’ (Line of Actual Control-LAC) के चीनी पक्ष पर स्थित है और इसलिये यह चीन का हिस्सा है। वहीं भारत ने चीन के इस दावे को ‘अतिरंजित और असमर्थनीय’ बताया है।

 

गलवान घाटी की स्थिति :

गलवान घाटी सामान्यतः उस भूमि को संदर्भित करती है, जो गलवान नदी (Galwan River) के पास मौजूद पहाड़ियों के बीच स्थित है।गलवान नदी का स्रोत चीन की ओर अक्साई चीन में मौजूद है और आगे चल कर यह भारत की श्योक नदी (Shyok River) से मिलती है। ध्यातव्य है कि यह घाटी पश्चिम में लद्दाख और पूर्व में अक्साई चीन के बीच स्थित है, जिसके कारण यह रणनीतिक रूप से काफी महत्त्वपूर्ण है। इसका पूर्वी हिस्सा चीन के झिंजियांग तिब्बत मार्ग (Xinjiang Tibet Road) से काफी नज़दीक है, जिसे G219 राजमार्ग (G219 Highway) कहा जाता है।

 

 

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) :

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) एक प्रकार की सीमांकन रेखा है, जो भारतीय-नियंत्रित क्षेत्र और चीनी-नियंत्रित क्षेत्र को एक दूसरे से अलग करती है। जहाँ एक ओर भारत मानता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की लंबाई लगभग 3,440  किलोमीटर है, वहीं चीन इस रेखा को तकरीबन 2,000 किलोमीटर लंबा मानता है।

 

चीन का पक्ष :

ध्यातव्य है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) गलवान घाटी और श्योक नदियों के संगम के पूर्व में स्थित है, जिस पर भारत और चीन दोनों हाल के वर्षों में पेट्रोलिंग (Patrolling) कर रहे हैं।15 जून 2020 को हुई हिंसक झड़प के बाद चीन ने दावा किया है कि संपूर्ण गलवान घाटी चीन के नियंत्रण क्षेत्र में आती है। गौरतलब है कि बीते महीनों से चीन गालवान घाटी और श्योक नदी के संगम तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बीच के क्षेत्र में भारत की सड़क निर्माण गतिविधियों पर आपत्ति जता रहा है। भारत ने चीन के दावे को सिरे से खारिज़ कर दिया है। चीन के लगभग सभी मानचित्रों में संपूर्ण गलवान घाटी को चीन के नियंत्रण वाले क्षेत्र का हिस्सा दिखा जाता है।

 

मानचित्र के आधार पर क्षेत्र का निर्धारण :

 

विशेषज्ञ मानते हैं कि दोनों देशों के मानचित्र के आधार पर इस विवाद को सुलझाना काफी जटिल कार्य है, जानकारों के अनुसार 1956 का मानचित्र दोनों देशों के बीच सीमा का एकदम सही निर्धारण करता है। ध्यातव्य है कि वर्ष 1956 का मानचित्र संपूर्ण गलवान घाटी को भारत के एक हिस्से के रूप में प्रदर्शित करता है, हालाँकि जून 1960 में चीन ने गलवान घाटी पर अपनी संप्रभुता का दावा करते हुए एक नया मानचित्र प्रस्तुत प्रस्तुत किया, जिसमें गलवान घाटी को चीन के हिस्से के रूप में दिखाया गया था। इसके पश्चात् नवंबर 1962 में भी एक नया मानचित्र जिसमें संपूर्ण गलवान घाटी पर दावा प्रस्तुत किया गया, किंतु इसके बाद चीन की सरकार द्वारा जारी किये गए नक्शों में गलवान नदी के पश्चिमी सिरे को चीन के हिस्से के रूप में नहीं दिखाया गया।

 

स्रोत: द हिंदू