अन्तर्राष्ट्रीय समसामियिकी 3 (1-July-2020)
स्टेट ऑफ द वर्ल्ड पॉपुलेशन 2020 रिपोर्ट
(State of the World Population 2020 Report)

Posted on July 1st, 2020 | Create PDF File

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हाल ही में ‘यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फंड’ (The United Nations Population Fund- UNFPA) द्वारा विश्व स्तर पर महिलाओं की घटती संख्या के संदर्भ में ‘स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन , 2020 (State of the World Population 2020) रिपोर्ट जारी की गई है।

 

रिपोर्ट से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार, महिलाओं की मृत्यु की संख्या पिछले 50 वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है वर्ष 1970 में यह संख्या 61 मिलियन ( 6.10 करोड़ ) थी जो वर्ष 2020 में बढ़कर 14.26 करोड़ पर पहुँच गई है।इस रिपोर्ट में पक्षपातपूर्ण लिंग चयन के साथ-साथ जन्म के समय लिंग अनुपात असंतुलन का अध्ययन करके महिलाओं की मृत्यु के कारणों की जाँच की गई है।रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में 5 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की मृत्यु दर 3 % से कम है।पाँच वर्ष की अवधि (वर्ष 2013-17) के औसत के अनुसार, हर वर्ष वैश्विक स्तर पर जन्म के समय 1.2 मिलियन महिलाओं की मृत्यु हुई है, वहीं भारत में हर वर्ष जन्म के समय लगभग 4,60,000 लड़कियों की मृत्यु हुई है।रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्ष 2020 तक मृत महिलाओं की संख्या 45.8 मिलियन हो गई है वही चीन में यह आँकड़ा 72.3 मिलियन है।रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में लिंग परीक्षण के कारण कुल मृत लड़कियों की संख्या लगभग दो-तिहाई है तथा जन्म के बाद की महिला मृत्यु दर लगभग एक-तिहाई है।लैंगिकआधारित भेदभाव के कारण अर्थात जन्म से पूर्व लिंग चयन के कारण विश्व में हर वर्ष लगभग 12-15 लाख लड़कियों की मृत्यु हो जाती है जिनमें से 90%- 95% भारत और चीन में होती हैं।

 

इस रिपोर्ट में वर्ष 2014 के एक अध्ययन को आधार बनाते हुए बताया गया कि भारत में प्रति 1,000 महिला पर 13.5 प्रति महिला की मृत्यु प्रसवपूर्व लिंग चयन के कारण हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 5 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों में मृत्यु दर का अनुपात 9 लड़कियों पर 1 है जो सर्वाधिक है।

 

 

स्रोत: द हिंदू