राष्ट्रीय समसामयिकी 1(25-Nov-2022)गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस(Guru Tegh Bahadur Martyrdom Day)
Posted on November 25th, 2022 | Create PDF File
मुगलों द्वारा किये जाने वाले जबरन धर्मांतरण के खिलाफ खड़े होने वाले गुरु तेग बहादुर (सिखों के नौवें गुरु) की पुण्य तिथि को प्रतिवर्ष 24 नवंबर को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गुरु तेग बहादुर :
तेग बहादुर का जन्म 21 अप्रैल, 1621 को अमृतसर में माता नानकी और छठे सिख गुरु, गुरु हरगोबिंद के यहाँ हुआ था, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ सेना खड़ी की और योद्धा संतों की अवधारणा पेश की।
तेग बहादुर को उनके तपस्वी स्वभाव के कारण त्याग मल (Tyag Mal) कहा जाता था।
गुरु तेग बहादुर सिखों के 9वें गुरु थे, जिन्हें अक्सर सिखों द्वारा 'मानवता के रक्षक' (श्रीष्ट-दी-चादर) के रूप में पूजा जाता था।
उन्हें एक महान शिक्षक के रूप में जाना जाता है, गुरु तेग बहादुर उत्कृष्ट योद्धा, विचारक और कवि भी थे, जिन्होंने आध्यात्मिक बातों के अलावा ईश्वर, मन, शरीर और शारीरिक जुड़ाव के स्वरूप का विस्तृत वर्णन किया।
जब वह केवल 13 वर्ष के थे तब उन्होंने एक मुगल सरदार के खिलाफ लड़ाई में विजय प्राप्त कर खुद को प्रतिष्ठित किया।
उनकी रचना को 116 काव्य भजनों के रूप में पवित्र ग्रंथ 'गुरु ग्रंथ साहिब' में शामिल किया गया है।
वह एक उत्साही यात्री भी थे और उन्होंने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचार केंद्र स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ऐसे ही एक मिशन के दौरान उन्होंने पंजाब में चक-ननकी शहर की स्थापना की, जो बाद में पंजाब के आनंदपुर साहिब का हिस्सा बन गया।
वर्ष 1675 में मुगल सम्राट औरंगज़ेब के आदेश पर गुरु तेग बहादुर की हत्या दिल्ली में कर दी गई थी।