राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (12-Feb-2019)
बौद्ध सर्किट के अंतर्गत पाँच नई परियोजनाओं को मंज़ूरी
(Five new projects approved under Buddhist Circuit)

Posted on February 12th, 2019 | Create PDF File

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बौद्ध सर्किट स्वदेश दर्शन योजना के तहत विकास के लिये चिह्नित विषयगत (थीम आधारित) सर्किटों में से एक है। मंत्रालय ने इस सर्किट के तहत 361.97 करोड़ की 5 नई परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।

 

ये पाँच परियोजनाएँ हैं-

 

1.सांची-सतना-रीवा-मंदसौर-धार में बौद्ध सर्किट का विकास (मध्य प्रदेश)

 

 

2.श्रावस्ती, कुशीनगर, और कपिलवस्तु में बौद्ध सर्किट का विकास (उत्तर प्रदेश)

 

 

3.बोधगया के पश्चिमी तरफ माया सरोवर के निकट कन्वेंशन सेंटर का निर्माण (बिहार)

 

 

4.जूनागढ़-गिर-सोमनाथ-भरूच-कच्छ-भावनगर-राजकोट-मेहसाणा बौद्ध सर्किट का विकास (गुजरात)

 

 

5.सलीहुंडम-थोटलाकोंडा-बाविकोन्डा-बोज्जनाकोंडा-अमरावती-अनुपू बौद्ध सर्किट का विकास (आंध्र प्रदेश)

 


स्वदेश दर्शन योजना-


स्‍वदेश दर्शन योजना पर्यटन मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्‍य देश में योजनाबद्ध और प्राथमिकता के आधार पर खास विशेषता वाले सर्किटों का विकास करना है। इस योजना के तहत सरकार जहाँ एक ओर पर्यटकों को बेहतर अनुभव और सुविधाएँ देने के उद्देश्‍य से गुणवत्‍तापूर्ण ढाँचागत विकास पर ज़ोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक वृद्धि को भी प्रोत्‍साहित कर रही है।इस योजना की शुरुआत 2014-15 में की गई थी।

 

इसे केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट विकसित करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। इन पर्यटक सर्किटों को एक एकीकृत तरीके से उच्च पर्यटक मूल्य, प्रतिस्पर्धात्मकता और स्थायित्व के सिद्धांतों पर विकसित किया जाएगा।इस योजना के तहत, विकास के लिए 13 विषयगत सर्किट की पहचान की गई है। वे बौद्ध सर्किट, उत्तर-पूर्व भारत सर्किट, तटीय सर्किट, हिमालयी सर्किट, कृष्णा सर्किट, रेगिस्तान सर्किट, इको सर्किट, वन्यजीव सर्किट, जनजातीय सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट और विरासत सर्किट हैं।यह सार्वजनिक वित्त पोषण के लिए किए गए परियोजना घटकों के लिए 100% केंद्रित वित्त पोषित योजना है। इसमें केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और कॉर्पोरेट क्षेत्र की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहलों के तहत स्वैच्छिक वित्त पोषण का लाभ उठाने का प्रावधान भी है।इस योजना के तहत परियोजनाओं का वित्त पोषण राज्य से राज्य में भिन्न होता है। इसे कार्यक्रम प्रबंधन परामर्शदाता (PMC) द्वारा तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के आधार पर अंतिम रूप दिया गया है जो योजना को लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के परामर्शदाता हैं।