विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामयिकी 1 (16-October-2021)
एंडोसल्फान
(Endosulfan)

Posted on October 17th, 2021 | Create PDF File

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केरल के कासरगोड में ‘पेरिया प्लांटेशन कॉरपोरेशन’ के परिसर में प्रदर्शनकारियों ने ‘एंडोसल्फान’ (एक ऑर्गेनोक्लोरिन कीटनाशक) के सुरक्षित निपटान हेतु उसे निर्माण फर्म को वापस लौटाने का आह्वान किया है।

 

ज्ञात हो कि वर्ष 2011 में सर्वोच्च न्यायालय ने पूरे भारत में एंडोसल्फान पर प्रतिबंध लगा दिया था। एंडोसल्फान का उपयोग पर्यावरण के संतुलन के लिये एक बड़ा खतरा पैदा करता है।

 

एंडोसल्फान :

 

एंडोसल्फान एक प्रतिबंधित कीटनाशक है।

 

इसका उपयोग वर्ष 1940 से वर्ष 1960 के दौरान कीटनाशक के रूप में कृषि और मच्छर नियंत्रण हेतु बड़े पैमाने पर किया जाता था।

 

उपयोग :

कपास, काजू, फल, चाय, धान, तंबाकू आदि फसलों पर सफेद मक्खियों, एफिड्स, बीटल, कीड़े आदि के नियंत्रण के लिये ‘एंडोसल्फान’ का छिड़काव किया जाता है।

 

एंडोसल्फान का प्रभाव :

 

पर्यावरणीय प्रभाव :

पर्यावरण में एंडोसल्फान खाद्य शृंखलाओं में समाहित हो जाता है, जिससे व्यापक स्तर पर समस्याएँ पैदा होती है।

 

यदि एंडोसल्फान को पानी में छोड़ा जाता है, तो यह तलछट में अवशोषित और जलीय जीवों को प्रभावित कर सकता है।

 

एंडोसल्फान के अंतर्ग्रहण के परिणामस्वरूप शारीरिक विकृति, कैंसर, जन्म संबंधी विकार और मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारियाँ हो सकती हैं।