राष्ट्रीय समसामयिकी 1 (11-June-2021)
दिल्ली मास्टर प्लान 2041: प्रमुख क्षेत्र और चुनौतियाँ
(Delhi Master Plan 2041: Key Areas and Challenges)

Posted on June 11th, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में, दिल्ली विकास प्राधिकरण ने ‘दिल्ली के लिए मास्टर प्लान-2041’ (Master Plan for Delhi 2041) के मसौदे को अपनी प्रारंभिक मंजूरी दे दी है।

 

इस मास्टर प्लान के मसौदे को सार्वजनिक कर आम नागरिकों से आपत्ति और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं, जिसके बाद इसे लागू किया जाएगा।

 

‘मास्टर प्लान’ :

किसी भी शहर का मास्टर प्लान, शहर के योजनाकारों और इसकी जमीन पर स्वामित्व रखने वाली एजेंसीज के परिकल्पना दस्तावेज (Vision Document) की भांति होता है।

 

यह भविष्य में शहर का विकास करने हेतु एक रूपरेखा होती है।

 

इसमें, जनसंख्या, अर्थव्यवस्था, आवास, परिवहन, सामुदायिक सुविधाओं और भूमि उपयोग को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण, सिफारिशें और प्रस्ताव शामिल होते हैं।

 

‘दिल्ली मास्टर प्लान- 2041’ :

‘दिल्ली मास्टर प्लान- 2041’ का उद्देश्य, दिल्ली को वर्ष 2041 तक एक संवहनीय, निवास योग्य और जीवंत बनाने हेतु तैयार करना है।

 

आवास क्षेत्र: आवास क्षेत्र के लिए इस मसौदे में, बड़ी संख्या में प्रवासी आबादी को ध्यान में रखते हुए, निजी क्षेत्र और सरकारी एजेंसियों अधिक निवेश करने के लिए आमंत्रित करके, किराए के आवासों को प्रोत्साहित करने की बात की गई है।

 

‘उपयोगकर्ता भुगतान‘ सिद्धांत (‘User pays’ principle): पार्किंग की समस्याओं को दूर करने के लिए, मसौदे में ‘उपयोगकर्ता भुगतान’ सिद्धांत का सुझाव दिया गया है, जिसका अर्थ है कि गैर-मोटर चालित वाहनों को छोड़कर, सभी निजी मोटर वाहनों के उपयोगकर्ताओं को अधिकृत पार्किंग सुविधाओं, स्थानों और सड़कों के लिए भुगतान करना होगा।

 

इसका उद्देश्य, सार्वजनिक परिवहन को हरित ईंधन में परिवर्तित करना और आवागमन-उन्मुख विकास (Transit-Oriented Development – TOD) के बहु-उपयोग मॉडल को अपनाते हुए, प्रमुख रणनीतियों के माध्यम से वाहनों के प्रदूषण को कम करना है।

 

मसौदा में यमुना नदी के निकट ‘बफर जोन’ की स्पष्ट सीमा निर्धारित की गई है- शहर में प्रवाहित होने वाली नदी के किनारों पर, जहां भी संभव हो, 300 मीटर की चौड़ाई का ‘बफर जोन’ बनाया जाएगा।

 

महामारी के मद्देनजर प्रस्तावित बदलाव:

इसका उद्देश्य आपात स्थिति के दौरान, आश्रय स्थल, सामूहिक रसोई और संगरोध हेतु स्थान (Quarantine Space) उपलब्ध कराने हेतु सामूहिक सामुदायिक स्थलों को विकसित करना है।

 

रात्री-कालीन अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए, सांस्कृतिक उत्सवों, बसों में मनोरंजन, मेट्रो, खेल सुविधाओं और खुदरा स्टोरों पर केंद्रित योजनाओं को, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की नाइट लाइफ सर्किट योजना में शामिल किया गया है।

 

इसमें, यांत्रिक वातायन-व्यवस्था (mechanical ventilation systems) पर निर्भरता कम करने हेतु, विकेन्द्रीकृत कार्यक्षेत्रों, अनिवार्यतः खुले क्षेत्रों का निर्माण, बेहतर आवास योजनाएं और हरित-प्रमाणिक  विकास के माध्यम से, वायुवाहित महामारी (airborne epidemics) के प्रति संवेदनशीलता कम करने का भी प्रस्ताव किया गया है।