राज्य समसामयिकी 1 (11-June-2021)^कोविड-19 के अनाथों के लिए असम के सीएम सरमा ने शिशु सेवा योजना शुरू की^(Assam CM Sarma launches Shishu Seva Scheme for orphans of Kovid-19)
Posted on June 11th, 2021
असम के मुख्यमंत्री, डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना शुरू की और उन लाभार्थियों को वित्तीय सहायता के चेक सौंपे हैं जिन्होंने COVID-19 के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत रु. 7,81,200 प्रत्येक लाभार्थी के नाम सावधि जमा के रूप में बैंक में रखे जाएँगे।
3500 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता जो सावधि जमा से वसूल की जाएगी, लाभार्थियों को 24 वर्ष की आयु तक दी जाएगी।
24 वर्ष की आयु पूरी होने पर, प्रत्येक लाभार्थी के लिए सावधि जमा के रूप में रखी गई मूल राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी।
राज्य सरकार प्रत्येक बच्चे को 3500 रुपये प्रतिमाह देगी जिसमें केंद्र सरकार के 2000 रुपये भी शामिल हैं।
10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और वे लड़कियाँ जिनके अभिभावक नहीं हैं, राज्य सरकार ऐसे बच्चों को किसी बाल देखभाल संस्थान में रखवाएगी और शैक्षिक व्यय सहित उनके रखरखाव के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराएगी।
अनाथ लड़कियों को उनकी संवेदनशील देखभाल और उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त और प्रतिष्ठित संस्थानों में आवास दिया जाएगा।
ऐसी ही एक संस्था का नाम है कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय आवासीय विद्यालय जो कि अनाथ लड़कियों की देखभाल और शिक्षा के लिए काम कर रही है।
राज्य समसामयिकी 1 (11-June-2021)कोविड-19 के अनाथों के लिए असम के सीएम सरमा ने शिशु सेवा योजना शुरू की(Assam CM Sarma launches Shishu Seva Scheme for orphans of Kovid-19)
असम के मुख्यमंत्री, डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना शुरू की और उन लाभार्थियों को वित्तीय सहायता के चेक सौंपे हैं जिन्होंने COVID-19 के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत रु. 7,81,200 प्रत्येक लाभार्थी के नाम सावधि जमा के रूप में बैंक में रखे जाएँगे।
3500 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता जो सावधि जमा से वसूल की जाएगी, लाभार्थियों को 24 वर्ष की आयु तक दी जाएगी।
24 वर्ष की आयु पूरी होने पर, प्रत्येक लाभार्थी के लिए सावधि जमा के रूप में रखी गई मूल राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी।
राज्य सरकार प्रत्येक बच्चे को 3500 रुपये प्रतिमाह देगी जिसमें केंद्र सरकार के 2000 रुपये भी शामिल हैं।
10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और वे लड़कियाँ जिनके अभिभावक नहीं हैं, राज्य सरकार ऐसे बच्चों को किसी बाल देखभाल संस्थान में रखवाएगी और शैक्षिक व्यय सहित उनके रखरखाव के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराएगी।
अनाथ लड़कियों को उनकी संवेदनशील देखभाल और उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त और प्रतिष्ठित संस्थानों में आवास दिया जाएगा।
ऐसी ही एक संस्था का नाम है कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय आवासीय विद्यालय जो कि अनाथ लड़कियों की देखभाल और शिक्षा के लिए काम कर रही है।