अंतर्राष्ट्रीय समसामियिकी 2 (19-Apr-2019)
लीबिया में संकट (Crisis in Libya)

Posted on April 19th, 2019 | Create PDF File

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हाल ही में लीबिया की राष्ट्रीय सेना (LNA) के प्रमुख जनरल खलीफा हफ़्ता ने राजधानी त्रिपोली पर आक्रमण कर दिया।खलीफा हफ़्ता की सेना ने पहले ही देश के पूर्वी क्षेत्र (तेल क्षेत्रों सहित) पर नियंत्रण कर लिया था।ऐसा माना जा रहा है कि जनरल को रूस और फ्राँस के अलावा मिस्र, सऊदी अरब तथा कुछ पश्चिम एशियाई देशों का समर्थन प्राप्त है।



लीबिया में सरकार विरोधी प्रदर्शनों की शुरुआत 15 फरवरी, 2011 को ही हो गई थी जिसकी वज़ह से विपक्षी बलों और गद्दाफी के समर्थकों के बीच गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई।पश्चिमी शक्तियों द्वारा सैन्य दखलंदाज़ी के पश्चात् लीबिया की राजधानी, त्रिपोली पर कब्ज़ा जमा लिया गया और सरकार को उखाड़ फेंका गया था।इसके पश्चात् लीबिया में संयुक्त राष्ट्र समर्थित अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार, गवर्नमेंट ऑफ नेशनल एकॉर्ड (Government of National Accord-GNA) बनाई गई।वर्तमान में लीबिया की हालत दयनीय है। एक तरफ जहाँ LNA टोब्रुक-आधारित संसद की सहायता से लीबिया के पूर्वी हिस्से को नियंत्रित करती है, वहीं दूसरी तरफ GNA लीबिया के पश्चिमी भागों को त्रिपोली से नियंत्रित करती है।संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार लीबिया को स्थिरता प्रदान करने में विफल रही। पश्चिम लीबिया (जो कि GNA नियंत्रण में है) अंदरूनी लड़ाइयों और अपहरण की घटनाओं से पस्त है।GNA के पास कोई सुरक्षा बल नहीं है, सार्वजनिक प्रशासन की मौजूदगी बहुत कम है।पश्चिमी लीबिया को पानी, पेट्रोल और बिजली जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है और इस क्षेत्र में कुछ ही बैंक संचालित होते हैं।



GNA ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से त्रिपोली की रक्षा के लिये हस्तक्षेप करने को कहा है।संयुक्त राष्ट्र ने घायलों को युद्ध क्षेत्र से निकालने की अनुमति देने के लिये एक अस्थायी युद्धविराम की याचिका जारी की है।कई यूरोपीय देशों, अमेरिका ने शत्रुता को रोकने और तनाव को कम करने के लिये कहा है।अमेरिका ने त्रिपोली में तैनात अपने सैनिकों को बाहर निकालने का आदेश दिया है।भारत ने भी शांति सेना में शामिल CRPF के 15 जवानों को देश वापस बुला लिया है।



लीबिया का यह गृहयुद्ध खासकर यूरोप के लिये शरणार्थी समस्या को बढ़ा सकता है।अफ्रीका का सबसे बड़ा तेल भंडार लीबिया में स्थित है और यह दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में शामिल है।लीबिया में अस्थिरता से वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। इसका भारत पर सीधा असर पड़ेगा।

 

लीबिया-


लीबिया उत्तरी अफ्रीका का एक देश है जिसका ज़्यादातर क्षेत्र रेगिस्तानी है।लीबिया तेल-समृद्ध देश है।देश में तेल की खोज के तुरंत बाद 1951 में लीबिया को स्वतंत्रता मिल गई थी।

 

राजधानी: त्रिपोली
जनसंख्या: 6.4 मिलियन
क्षेत्रफल: 1.77 मिलियन वर्ग किमी. (685,524 वर्ग मील)
प्रमुख भाषा: अरबी
मुख्य धर्म: इस्लाम
मुद्रा: लीबियाई दीनार