अंतर्राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (19-Apr-2019)
अफगानिस्तान में शांति के प्रयासों को झटका, अफगान-तालिबान वार्ता अनिश्चित काल के लिए टली
(Peace efforts in Afghanistan got shocked, Afghan-Taliban talks stopped for indefinitely)

Posted on April 19th, 2019 | Create PDF File

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अफगानिस्तान में जारी संघर्ष खत्म करने की कोशिशों को शुक्रवार को उस वक्त झटका लगा जब तालिबान और अफगान अधिकारियों के बीच शिखर वार्ता अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई।

 

इस सप्ताह के अंत में होने वाली अफगान-तालिबान वार्ता अफगानिस्तान सरकार की ओर से भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों की बड़ी संख्या के मुद्दे पर पैदा विवाद के कारण आखिरी समय में अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई।

 

यह वार्ता ऐसे समय में टली है जब अफगानिस्तान में लगातार खूनखराबा जारी है।

 

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, तालिबान अब देश के करीब आधे हिस्से को अपने नियंत्रण या प्रभाव में ले चुका है और पिछले साल 3804 लोग मारे गए थे।

 

युद्ध खत्म करने की कोशिशों की अगुवाई कर रहे अमेरिका ने वार्ता टलने पर इशारों-इशारों में अपनी निराशा जताई है और दोनों पक्षों से अपील की है कि वे वार्ता की मेज पर लौटें। हालांकि, आयोजकों ने इस बात के कोई संकेत नहीं दिए हैं कि वार्ता का कार्यक्रम फिर कब बन सकता है।

 

वार्ता की मेजबानी करने वाले समूह के प्रमुख सुल्तान बराकात ने एक बयान में कहा कि वार्ता में कौन हिस्सा लेगा, इस पर आम राय बनाने के लिए इसे टालना जरूरी था।

 

सेंटर फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड ह्यूमेनिटेरियन स्टडीज के निदेशक बराकात ने कहा, ‘‘स्पष्ट तौर पर, अभी समय सही नहीं है।’’

 

राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रशासन ने मंगलवार को अफगानिस्तान के हर क्षेत्र से 250 प्रमुख लोगों की एक सूची घोषित की थी, जिन्हें वार्ता के लिए सरकार दोहा भेजना चाह रही थी। इनमें कई सरकारी अधिकारी भी शामिल थे। लेकिन तालिबान ने प्रतिनिधियों की लंबी सूची पर आपत्ति जताई और कहा कि यह ‘‘सामान्य’’ नहीं है और इतने अधिक लोगों से मिलने की उनकी ‘‘कोई योजना नहीं’’ है।

 

तालिबान ने इस हफ्ते कहा कि यह वार्ता ‘‘काबुल के होटल में होने वाली शादी या किसी अन्य पार्टी का न्योता नहीं है।’’

 

वॉशिंगटन स्थित विल्सन सेंटर के विश्लेषक माइकल कुजेलमैन ने कहा कि वार्ता टलना दिखाता है कि आगे शांति की राह काफी मुश्किल है।