स्वास्थ्य समसामयिकी 1(4-Nov-2022)
कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स
(Cordi Gold Nanoparticles)

Posted on November 4th, 2022 | Create PDF File

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हाल ही में बोडोलैंड विश्वविद्यालय सहित चार भारतीय संस्थानों के वैज्ञानिकों ने कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs) विकसित किये हैं, जो मानव शरीर में दवा वितरण को तेज़ और सटीक बना सकते हैं। 

 

इन नैनोकणों को जर्मनी से अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हुआ है।

 

कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs) :

 

इन्हें कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस और गोल्ड साल्ट के अर्क के संश्लेषण से प्राप्त किया गया है।

 

कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस, बोडोलैंड विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन सेंटर' (TIC) की प्रयोगशाला में विकसित किया गया मूल्यवान परजीवी कवक है।  

 

जंगली कॉर्डिसेप्स मशरूम, पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में पाए जाते हैं।

 

गोल्ड साल्ट, आमतौर पर दवा में इस्तेमाल होने वाले सोने के आयनिक रासायनिक यौगिक होते हैं।

 

लाभ :

 

जब दवा के कण छोटे होते हैं तो कोशिकाओं में प्रवेश अधिक होता है।

 

कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस को सुपर मशरूम कहा जाता है क्योंकि इसके बेहतर औषधीय गुणों के कारण बेहतर प्रवेश के लिये गोल्ड नैनोकणों के संश्लेषण में बायोएक्टिव घटक जुड़ते हैं।

 

जैव संश्लेषित नैनोगोल्ड कण चिकित्सीय दवाओं के विकास में नैनोकणों के नए अनुप्रयोग का संकेत देते हैं जिन्हें मलहम, टैबलेट, कैप्सूल और अन्य रूपों में वितरित किया जा सकता है।