व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1(3-Nov-2022)अमर्त्य सेन(Amartya Sen)
Posted on November 3rd, 2022 | Create PDF File
अमर्त्य सेन का जन्म 03 नवंबर, 1933 में कोलकाता में हुआ था।
उनकी शिक्षा कोलकाता के शांति निकेतन, ‘प्रेसीडेंसी कॉलेज’ तथा कैंब्रिज के ट्रिनीटी कॉलेज से हुई।
इसके अतिरिक्त उन्होंने जादवपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स तथा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी अध्यापन का कार्य किया है।
वे एक महान अर्थशास्त्री एवं दार्शनिक हैं। गौरतलब है कि द्वितीय पंचवर्षीय योजना में अमर्त्य सेन का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
अमर्त्य सेन ने महालनोविस के द्वि-विभागीय कमियों को दूर करने के लिये चार विभागों वाला एक वैज्ञानिक मॉडल प्रस्तुत किया जिसे ‘राज-सेन मॉडल’ के नाम से जाना जाता है।
इस मॉडल को उन्होंने प्रोफेसर के.एन. राज के साथ मिलकर तैयार किया था।
उन्होंने जहाँ एक ओर संवृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया, वहीं बेरोज़गारी उन्मूलन को प्राथमिकता देने की बात कही।
सेन के अनुसार, भारत जैसे देश में गरीबी उन्मूलन के लिये ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को समुचित संस्थानिक प्रोत्साहन तथा उत्पादन के कारकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिये।
सेन ने अकाल की बदलती प्रवृत्ति एवं कारणों पर भी समुचित प्रकाश डाला।
वर्ष 1999 में भारत रत्न से सम्मानित अमर्त्य सेन को वर्ष 1998 में अर्थशास्त्र के लिये नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।