राज्य लोक सेवा आयोग की संरचना (Composition of state Public Service Commission)
Posted on May 27th, 2022
राज्य लोग सेवा आयोग में एक अध्यक्ष व अन्य सदस्य होते है। जिन्हें राज्य का राज्यपाल नियुक्त करता है। संविधान में आयोग की सदस्य संख्या का उल्लेख नहीं किया गया है। यह राज्यपाल के विवक पर छोड़ दिया गया है। इसके अतिरिक्त, आयोग के सदस्यों की वांछित योग्यता का भी जिक्र नहीं किया गया है परंतु यह आवश्यक है कि आयोग के आधे सदस्यों को भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन कम से कम 10 वर्ष काम करने का अनुभव हो। संविधान ने राज्यपाल को अध्यक्ष व सदस्यों की सेवा की शर्तें निर्धारित करने का अधिकार दिया है।
आयोग के अध्यक्ष व सदस्य पदग्रहण करने की तारीख से छह वर्ष की अवधि तक या 62 वर्ष की आयु तक, इनमें जो भी पहले हो, अपना पद धारण कर सकते हैं (संघ लोक सेवा आयोग के मामले में 65 वर्ष)। हालांकि वे कभी भी राज्यपाल को अपना त्याग-पत्र सौंप सकते है।
राज्यपाल दो परिस्थितियों में राज्य लोक सेवा आयोग के किसी एक सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर सकते है:
1.अब अध्यक्ष का पद रिक्त हो, या
2.जब अध्यक्ष अपना कार्य अनुपस्थिति या अन्य दूसरे कारणों की वजह से नहीं कर पा रहा हो।
कार्यवाहक अध्यक्ष तब तक कार्य संभालेगा जब तक कि अध्यक्ष पुनः अपना काम नहीं संभाल लेता या अध्यक्ष नियुक्त किया गया व्यक्ति काम पर नहीं आता।
राज्य लोक सेवा आयोग की संरचना (Composition of state Public Service Commission)
राज्य लोग सेवा आयोग में एक अध्यक्ष व अन्य सदस्य होते है। जिन्हें राज्य का राज्यपाल नियुक्त करता है। संविधान में आयोग की सदस्य संख्या का उल्लेख नहीं किया गया है। यह राज्यपाल के विवक पर छोड़ दिया गया है। इसके अतिरिक्त, आयोग के सदस्यों की वांछित योग्यता का भी जिक्र नहीं किया गया है परंतु यह आवश्यक है कि आयोग के आधे सदस्यों को भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन कम से कम 10 वर्ष काम करने का अनुभव हो। संविधान ने राज्यपाल को अध्यक्ष व सदस्यों की सेवा की शर्तें निर्धारित करने का अधिकार दिया है।
आयोग के अध्यक्ष व सदस्य पदग्रहण करने की तारीख से छह वर्ष की अवधि तक या 62 वर्ष की आयु तक, इनमें जो भी पहले हो, अपना पद धारण कर सकते हैं (संघ लोक सेवा आयोग के मामले में 65 वर्ष)। हालांकि वे कभी भी राज्यपाल को अपना त्याग-पत्र सौंप सकते है।
राज्यपाल दो परिस्थितियों में राज्य लोक सेवा आयोग के किसी एक सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर सकते है:
1.अब अध्यक्ष का पद रिक्त हो, या
2.जब अध्यक्ष अपना कार्य अनुपस्थिति या अन्य दूसरे कारणों की वजह से नहीं कर पा रहा हो।
कार्यवाहक अध्यक्ष तब तक कार्य संभालेगा जब तक कि अध्यक्ष पुनः अपना काम नहीं संभाल लेता या अध्यक्ष नियुक्त किया गया व्यक्ति काम पर नहीं आता।