नागरिक घोषणा- पत्र विधेयक (Citizen Charter Bill)

Posted on April 28th, 2020 | Create PDF File

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नागरिक घोषणा- पत्र विधेयक

(Citizen Charter Bill)

 

नागरिक घोषणा-पत्र विधेयक, 2011 को मार्च, 2013 में केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति मिल गई। इस विधेयक में आमजनों को एक तय समय सीमा के भीतर सेवा पाने का अधिकार होगा। ऐसा नहीं होने की स्थिति में जिम्मेदार सरकारी कर्मचारियों पर जुर्माना लगाने से लेकर कड़ी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। तय समय सीमा के भीतर सेवा न प्रदान करने वाले कर्मचारियों को प्रतिदिन के हिसाब से 250 रुपए जुर्माना लगाने का फिलहाल प्रस्ताव है, परन्तु जुमनि की राशि 50000 रुपए से अधिक नहीं हो सकती है। यह जुर्माने की राशि उन कर्मचारियों के वेतन से काटी जाएगी।

 

इस बिल के पास होने पर देश के हर व्यक्ति का यह अधिकार होगा कि उसे कोई भी सेवा एक उचित और तय समय सीमा में मिले। इसके अलावा यदि उसे सम्बन्धित सेवा से कोई शिकायत है तो उसका निपटारा भी एक निश्चित समय-सीमा में हो जाए ।

 

'सूचना का अधिकार ' कानून की तर्ज पर यह विधेयक पूरे देश में लागू होगा। इसके तहत आने वाली सेवाओं को राज्यों को अपने नागरिक घोषणा-पत्र में शामिल करना होगा। इस विधेयक में नागरिक घोषणा-पत्र के अंतर्गत सरकार से सहायता प्राप्त गैर-सरकारी संगठन भी शामिल्र होंगे। इस विधेयक में कई नागरिक केन्द्रित सेवाओं का समावेश किया गया है, जैसे-आयकर रिटर्न, पेंशन, जाति प्रमाणपत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, पासपोर्ट आदि। यद्यपि दिल्‍ली, बिहार एवं मध्य प्रदेश समेत देश के 10 राज्यों में नागरिक घोषणा-पत्र कानून पहले से ही लागू है, लेकिन इस केन्द्रीय नागरिक घोषणा-पत्र से सम्पूर्ण देश में इसकी स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।

 

इस नागरिक घोषणा-पत्र विधेयक के मुताबिक सभी सरकारी विभागों को एक नागरिक घोषणा-पत्र तैयार कर उसे प्रकाशित करना होगा। घोषणा-पत्र में सम्बन्धित विभाग की तरफ से दी जाने वाली सभी सेवाओं का उल्लेख होगा। इन सेवाओं के लिए निश्चित समय सीमा होगी। प्रत्येक काम के लिए एक जिम्मेदार अधिकारी का नाम एवं पद भी प्रकाशित किए जाएंगे। इस घोषणा-पत्र विधेयक में इस बात का भी प्रावधान किया गया है कि एक केन्द्रीय शिकायत निवारण आयोग होगा। इस आयोग का मुख्य कार्य समय-सीमा मेमं कार्य नहीं होने की स्थिति में लोगों की शिकायतें सुनने का होगा। इस आयोग में शिकायतों के निपटारे हेतु विशेष अधिकारी नियुक्त होंगे। यह अधिकारी शिकायत दर्ज करने में जनता की मदद करेंगे। इसके अन्तर्गत की गई कार्यवाही को भारतीय दण्ड संहिता के तहत न्यायिक कार्यवाही माना जाएगा।

 

अंततः इस आधार पर हम कह सकते हैं कि यह नागरिक घोषणा-पत्र विधेयक देश के प्रत्येक व्यक्ति को यह अधिकार सुनिश्चित करेगा कि उसे कोई भी सेवा उचित एवं तय समय सीमा में मिल सके ।

 

इसके तहत पंचायत स्तर से लेकर केन्द्रीय कार्यालयों में शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। साथ ही नागरिकों की शिकायतों के निवारण के लिए केन्द्रीय लोक शिकायत निवारण आयोग की स्थापना की व्यवस्था भी की गई है।