दिवस विशेष समसामयिकी 1(15-June-2022)
बाल श्रम दिवस / बाल मजदूर दिवस
(Child Labor Day / Child Labor Day)

Posted on June 15th, 2022 | Create PDF File

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हर साल 12 जून को ‘संयुक्त राष्ट्र’ द्वारा विश्व भर में ‘बाल श्रम’ कुप्रथाओं की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु ‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ (World Day Against Child Labour) के रूप में मनाया जाता है।

 

बाल श्रम के खिलाफ इस वैश्विक मुद्दे से निपटने हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (International Labour Organisation – ILO) द्वारा वर्ष 2002 में इस दिन की शुरुआत की गयी थी।

 

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ 2022 की थीम : ‘बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण’ (Universal Social Protection to End Child Labour)।

 

बाल श्रम पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट :

 

पूरे विश्व में 160 मिलियन बालक अभी भी बाल श्रम में लगे हुए हैं, जिनमे से कुछ की उम्र मात्र पाँच वर्ष ही है।

 

2020 की शुरुआत में, विश्व भर में पांच साल और उससे अधिक आयु के प्रति दस बालकों में से एक बच्चा ‘बाल श्रम’ में लगा हुआ था।

 

2000 और 2020 के बीच ‘बाल श्रम’ में संलग्न बालकों की संख्या में 85.5 मिलियन यानी 16% से 9.6% तक कमी हुई है।

 

वैश्विक स्तर पर, बालकों के लिए सामाजिक सुरक्षा पर राष्ट्रीय व्यय ‘सकल घरेलू उत्पाद’ का मात्र 1.1% है।

 

अफ्रीका, कुल जनसंख्या में बच्चों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी वाला क्षेत्र है।

 

इस मुद्दे पर ILO कन्वेंशन :

 

बाल श्रम के सबसे खराब रूपों से संबंधित ‘ILO कन्वेंशन नंबर 182’ (ILO Convention No. 182), तथा ‘रोजगार के लिए न्यूनतम आयु’ से संबंधित ‘ILO कन्वेंशन नंबर 138’ (ILO Convention No. 138), इस मुद्दे पर दो मुख्य ‘वैश्विक अभिसमय’ हैं।

 

इस संबंध में भारतीय संविधान के प्रावधान :

 

अनुच्छेद 21(A) और अनुच्छेद 45 – बालकों को ‘शिक्षा का अधिकार’ प्राप्त है, अर्थात राज्य छह से 14 साल की उम्र के बच्चों को अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगा।

 

अनुच्छेद 24 – इसके प्रावधानों के अनुसार- 14 वर्ष से कम उम्र के बालक को किसी खदान, कारखाने या खतरनाक कार्यस्थल में नियोजित नहीं किया जा सकता है।

 

अनुच्छेद 39(f) – इसके अनुसार, बालकों को स्वतंत्र और गरिमामय वातावरण में स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएँ दी जाएँ और बालकों और अल्पवय व्यक्तियों की शोषण से तथा नैतिक और आर्थिक परित्याग से रक्षा की जाए।

 

पेंसिल (Pencil) : सरकार द्वारा बाल श्रम कानूनों के प्रभावी प्रवर्तन को सुनिश्चित करने और बाल श्रम को समाप्त करने के लिए ‘pencil.gov.in’ नामक एक समर्पित प्लेटफ़ॉर्म शुरू किया गया है।

 

शिक्षा का अधिकार अधिनियम’ 2009 : इस क़ानून के तहत, राज्य के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य कर दिया है कि छह से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चे स्कूल में हों और मुफ्त शिक्षा प्राप्त करें।