राष्ट्रीय समसामयिकी 2(24-Jan-2023)
गणतंत्र दिवस समारोह 2023 के मुख्‍य अतिथि
(Chief Guest of Republic Day Celebrations 2023)

Posted on January 24th, 2023 | Create PDF File

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भारत की आजादी के बाद से ही गणतंत्र दिवस पर एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाने की परम्परा रही है। 

 

जो आज भी चलती आ रही है। 

 

लेकिन कोविड महामारी के चलते पिछले दो वर्षो में कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाया।

 

भारत वर्ष 2021 ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया था लेकिन कोविड के चलते वह इस समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे। 

 

इसी कड़ी में कोविड के चलते वर्ष 2022 में किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया था।

 

गणतंत्र दिवस 2023 के मुख्य अतिथि :

 

इस वर्ष 26 जनवरी को भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनायेगा। 

 

इस वर्ष भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी (Abdel Fattah El-Sisi) को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।

 

अल-सिसी 24-26 जनवरी 2023 तक भारत की राजकीय यात्रा पर होंगे। 

 

उनके साथ इस यात्रा पर पांच मंत्रियों सहित एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत की यात्रा पर है।

 

यह पहला मौका है जब मिस्र का कोई राष्ट्रपति रिपब्लिक डे पर चीफ गेस्ट के रूप में शामिल हो रहा है।

 

इससे पूर्व राष्ट्रपति सिसी अक्टूबर 2015 में तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आये थे। 

 

सिसी ने सितंबर 2016 में राजकीय यात्रा पर भारत का दौरा किया था।

 

भारत में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आये मुख्य अतिथि का विशेष सम्मान किया जाता है। 

 

उन्हें भारत के राष्ट्रपति के सामने गार्ड ऑफ ऑनर (Guard of Honour) दिया जाता है।

 

मुख्य अतिथि का चयन :

 

गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि को चुनने की प्रक्रिया छह महीने पहले ही शुरू हो जाती है। 

 

इसके सम्बन्ध में विदेश मंत्रालय जिओ-पॉलिटिक्स का विशेष ध्यान रखता है। 

 

जिस देश के राष्टाध्यक्ष को आमंत्रित किया जा रहा है उसके साथ भारत के कैसे सम्बन्ध रहे है इन बातों का विशेष ध्यान दिया जाता है।

 

भारत का विदेश मंत्रालय आमंत्रण भेजने से पहले उस देश के साथ राजनीतिक समन्धों, सेना सहित अन्य विशेष वैश्विक मुद्दों पर उस देश की राय आदि का अध्ययन करता है।

 

साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाता है कि किसी को आमंत्रित करने से किसी अन्य देश के साथ हमारे सम्बन्ध प्रभावित तो नहीं हो रहे है। 

 

इन सभी बातों पर विचार विमर्श के बाद विदेश मंत्रालय चीफ गेस्ट के नाम को फाइनल करता है।

 

इस बार मिस्र के राष्ट्रपति का चयन कैसे ?

 

74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मिस्र के के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी को आमंत्रित करने के पीछे एक खास वजह यह मानी जा रही है कि मिस्र लम्बे समय से भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार रहा है। 

 

साथ ही पूर्व में अभी तक किसी भी मिस्र के राष्ट्राध्यक्ष को इस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था जिस कारण भारत ने इस बार उनको बुलाने का फैसला किया है।

 

भारत और मिस्र का राजनयिक संबंध भारत की आजादी के वर्ष ही स्थापित किया गया था।

 

इस तरह भारत और मिस्र के आपसी सम्बन्ध के 75 वर्ष भी पूरे हो गए इसलिए यह आमंत्रण और भी विशेष हो जाता है। 

 

साथ ही इस आमंत्रण से भारत-मिस्र सम्बन्ध आगे आने वाले वर्षो में और मजबूत होंगे।