पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(24-Jan-2023)^प्रवाल में येलो बैंड डिज़ीज़^(Yellow Band Disease in Corals)
Posted on January 24th, 2023
हाल ही में वैज्ञानिकों ने पाया कि पूर्वी थाईलैंड के प्रवाल (Coral) येलो बैंड डिज़ीज़ (Yellow Band Disease) से प्रभावित हो रहे हैं, यह समुद्र तल के विशाल हिस्सों में प्रवाल को नष्ट कर रहा है।
प्रवाल को नष्ट करने से पहले रंग बदलने वाली येलो बैंड डिज़ीज़ पहली बार दशकों पहले देखी गई थी।
इसने कैरिबियन क्षेत्र में रीफ को व्यापक क्षति पहुँचाई है लेकिन पहली बार यह डिज़ीज़ विगत वर्ष थाईलैंड के पूर्वी तट पर स्थित लोकप्रिय पर्यटन शहर पटाया के पास पाई गई थी।
यह समुद्र के लगभग 600 एकड़ (240 हेक्टेयर) में फैल चुकी है।
इस डिज़ीज़ का कोई ज्ञात इलाज नहीं है और कोरल ब्लीचिंग के विपरीत इस बीमारी से संक्रमित होने के बाद कोरल को बहाल नहीं किया जा सकता।
वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक मछली पकड़ने, प्रदूषण और पानी के बढ़ते तापमान से रीफ येलो बैंड डिज़ीज़ के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(24-Jan-2023)प्रवाल में येलो बैंड डिज़ीज़(Yellow Band Disease in Corals)
हाल ही में वैज्ञानिकों ने पाया कि पूर्वी थाईलैंड के प्रवाल (Coral) येलो बैंड डिज़ीज़ (Yellow Band Disease) से प्रभावित हो रहे हैं, यह समुद्र तल के विशाल हिस्सों में प्रवाल को नष्ट कर रहा है।
प्रवाल को नष्ट करने से पहले रंग बदलने वाली येलो बैंड डिज़ीज़ पहली बार दशकों पहले देखी गई थी।
इसने कैरिबियन क्षेत्र में रीफ को व्यापक क्षति पहुँचाई है लेकिन पहली बार यह डिज़ीज़ विगत वर्ष थाईलैंड के पूर्वी तट पर स्थित लोकप्रिय पर्यटन शहर पटाया के पास पाई गई थी।
यह समुद्र के लगभग 600 एकड़ (240 हेक्टेयर) में फैल चुकी है।
इस डिज़ीज़ का कोई ज्ञात इलाज नहीं है और कोरल ब्लीचिंग के विपरीत इस बीमारी से संक्रमित होने के बाद कोरल को बहाल नहीं किया जा सकता।
वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक मछली पकड़ने, प्रदूषण और पानी के बढ़ते तापमान से रीफ येलो बैंड डिज़ीज़ के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।