पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 2(9-June-2022)
कार्बन बम
(carbon bomb)

Posted on June 9th, 2022 | Create PDF File

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इस साल ‘द गार्जियन’ द्वारा शुरू की गयी एक ‘खोजी परियोजना’ (Investigative Project) के बाद ‘कार्बन बम’  (Carbon Bomb) शब्द का प्रचलित होने लगा है।

 

इस प्रोजेक्ट में, दुनिया भर के देशों और निजी कंपनियों के 195 ‘कार्बन बम’ परियोजनाओं में शामिल होने संबंधी योजनाओं की जानकारी दी गयी है।

 

‘कार्बन बम’ :

 

गार्जियन द्वारा दी गयी परिभाषा : कार्बन बम “एक तेल या गैस परियोजना होती है जिसके परिणामस्वरूप परियोजना के जीवनकाल में कम से कम एक अरब टन CO2 उत्सर्जन होगा।”

 

कुल मिलाकर, अमेरिका, रूस, पश्चिम एशिया, ऑस्ट्रेलिया और भारत सहित दुनिया भर में लगभग 195 ऐसी परियोजनाओं की पहचान की गई है।

 

रिपोर्ट के अनुसार, ये परियोजनाएं सामूहिक रूप से, 2015 के पेरिस समझौते में सहमत उत्सर्जन सीमा को पार कर लेंगी।

 

कार्बन बमों को ‘डिफ्यूज’ करने संबंधी योजनाएं :

 

कार्बन बमों को ‘डिफ्यूज’ करने संबंधी लक्ष्य की दिशा में काम करने वाले नेटवर्क को ‘लीव इट इन द ग्राउंड इनिशिएटिव’ (LINGO) कहा जाता है।

 

इस पहल का मिशन “जीवाश्म ईंधन को जमीन में रहने देना और इसके बगैर जीना सीखना” है।

 

इस नेटवर्क का मानना है, कि जलवायु परिवर्तन की जड़ ‘जीवाश्म ईंधन’ का दहन है, और ‘नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों’ का 100% उपयोग ही इसका समाधान है।

 

LINGO का उद्देश्य ऐसी परियोजनाओं का विरोध करने के लिए जमीनी समर्थन जुटाना, मुकदमेबाजी के माध्यम से उन्हें चुनौती देना और इसके लिए विश्लेषण और अध्ययन करना है।