पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(9-June-2022)
‘हरित रोजगार’ / ‘ग्रीन जॉब्स’
('Green Jobs' / 'Green Jobs')

Posted on June 9th, 2022 | Create PDF File

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‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने ‘हरित रोजगार’  (Green Jobs) पैदा करने के भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला।

 

‘हरित रोजगार’ (Green Jobs) :

 

‘हरित रोजगार’, पृथ्वी ग्रह पर प्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक प्रभाव डालने और समग्र पर्यावरण कल्याण में योगदान करने वाली नौकरियों का एक वर्ग होता है।

 

इनका उद्देश्य, आर्थिक क्षेत्रों के नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना और कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है।

 

इन रोजगारों में अक्षय ऊर्जा, संसाधनों का संरक्षण, ऊर्जा कुशल साधनों को सुनिश्चित करने वाली नौकरियों को शामिल किया जाता है।

 

महत्व :

 

भारत के लिए ‘ग्रीन जॉब’ देश के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है, क्योंकि इनमे अक्षय ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन, हरित परिवहन और शहरी खेती जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित कार्यबल को रोजगार देने की काफी संभावनाएं हैं।

 

इस संबंध में भारत के प्रयास :

 

हरित रोजगार हेतु कौशल परिषद :

 

1 अक्टूबर 2015 को ‘हरित रोजगार हेतु कौशल परिषद’ (Skill Council for Green Jobs) की शुरुआत की गयी।

 

इस परिषद् को एक गैर-लाभकारी, स्वतंत्र, उद्योग के नेतृत्व वाली पहल के रूप में स्थापित किया गया था।

 

इसे ‘राष्ट्रीय कौशल विकास’ मिशनों से जोड़ा गया।

 

‘हरित रोजगार हेतु कौशल परिषद’ को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा प्रोत्साहन दिया जाता है।

 

उद्देश्य : भारत के ‘हरित व्यवसाय’ क्षेत्र में निर्माताओं और अन्य सेवा प्रदाताओं की मदद करना।

 

ग्रीन जॉब्स पहल :

 

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ परिसंघ, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय नियोक्ता संगठन द्वारा सामूहिक रूप से 2008 में ‘ग्रीन जॉब्स पहल’ की शुरूआत की गयी थी।

 

इसका उद्देश्य, प्लेसमेंट को बेहतर बनाना, प्रशिक्षण देना और व्यक्तियों के लिए ‘ग्रीन जॉब्स’ में काम करने के अवसर पैदा करना है।