अर्थव्यवस्था समसामयिकी 1(28-July-2022)
निर्यात हेतु व्यापार अवसंरचना योजना (TIES)
(Business Infrastructure Scheme for Exports (TIES))

Posted on July 28th, 2022 | Create PDF File

hlhiuj

हाल ही में केंद्र सरकार ने निर्यात हेतु व्यापार अवसंरचना योजना (TIES) पहल के तहत निर्यात को बढ़ावा देने के लिये राज्यों को 206 करोड़ रुपए जारी किये हैं।

 

TIES के तहत वित्त वर्ष 2019-20 से 2022-23 के दौरान 27 निर्यात बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिये वित्तीय सहायता को मंज़ूरी दी गई है।

 

निर्यात हेतु व्यापार अवसंरचना योजना (TIES) :

 

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने वर्ष 2017 में निर्यात योजना (TIES) के लिये व्यापार बुनियादी ढाँचा शुरू किया।

 

वर्ष 2015 में निर्यात और विकास के लिये बुनियादी ढाँचा तैयार करने तथा सहायता (ASIDE) योजना से राज्यों के अलग होने के बाद राज्य सरकारें लगातार निर्यात बुनियादी ढाँचे के निर्माण हेतु केंद्र से समर्थन का अनुरोध कर रही थीं।

 

उद्देश्य :

 

निर्यात की वृद्धि के लिये उपयुक्त बुनियादी ढाँचे के निर्माण में केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों की सहायता करना।

 

कार्य क्षेत्र :

 

इस योजना का लाभ राज्यों द्वारा अपनी कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से महत्त्वपूर्ण निर्यात लिंकेज जैसे- सीमा बाज़ार, भूमि, सीमा शुल्क केंद्र, गुणवत्ता परीक्षण और प्रमाणन प्रयोगशाला, कोल्ड चेन, व्यापार संवर्द्धन केंद्र, निर्यात वेयरहाउसिंग तथा पैकेजिंग, SEZ एवं बंदरगाहों/हवाई अड्डे, कार्गो टर्मिनल के साथ बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिये लिया जा सकता है।

 

वित्तीय सहायता की सीमा :

 

बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिये केंद्र सरकार की सहायता अनुदान सहायता के रूप में होगी, आमतौर पर कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा लगाई जा रही इक्विटी या परियोजना में यह कुल इक्विटी के 50% से अधिक नहीं होगी।

 

उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी राज्यों में स्थित परियोजनाओं के मामले में (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख संघ शासित प्रदेशों सहित) यह अनुदान कुल इक्विटी का 80% तक हो सकता है।

 

उन परियोजनाओं की नकारात्मक सूची जिन पर इस योजना के तहत विचार नहीं किया जाएगा :

 

ऐसी परियोजनाएँ जो टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, IT जैसी क्षेत्र विशिष्ट योजनाओं के अंतर्गत आती हैं।

 

सामान्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ जैसे राजमार्ग, बिजली आदि।

 

सामान्य बुनियादी ढाँचागत परियोजनाएँ जैसे राजमार्ग, बिजली आदि।

 

ऐसी परियोजनाएँ जहाँ अत्यधिक निर्यात लिंकेज स्थापित नहीं किया जा सकता है।