स्वास्थ्य समसामयिकी 1 (10-May-2021)
ब्लैक फंगस
(Black Fungus)

Posted on May 10th, 2021 | Create PDF File

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भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच एक नई और दुर्लभ बीमारी ने भी दस्तक दे दी है, जिसे ब्लैक फंगस (Black fungus) के नाम से जाना जाता है।

 

यह बीमारी, भारत के कुछ राज्यों में कोविड-19 से संक्रमित रोगियों में तुलनात्मक रूप से अक्सर पाई जा रही है।

 

यह एक दुर्लभ तथा गंभीर कवक संक्रमण (fungal infection) है।

 

इसे ‘म्यूकॉरमाइकोसिस’ (Mucormycosis) के नाम से भी जाना जाता है।

 

यह बीमारी प्रायः त्वचा पर दिखाई पड़ती है और रोगी के फेफड़ों तथा मस्तिष्क को भी प्रभावित करटी है।

 

ब्लैक फंगस बीमारी, वातावरण में प्राकृतिक रूप से मौजूद ‘म्यूकॉरमाइसेट्स’ (mucormycetes) के रूप में जाने वाले फफूंद अर्थात फंगस के कारण होती है।

 

यह बीमारी, मुख्यतः उन लोगों को प्रभावित करती है, जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए वे दवाएं ले रहे होते हैं, जिनके कारण उनकी पर्यावरणीय रोगजनकों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

 

लक्षण:

ऐसे व्यक्तियों द्वारा सांस लेने के दौरान कवक जीवाणु (fungal spores), इनके श्वांस छिद्रों या साइनस तथा फेफड़ों में पहुँच कर उन्हें प्रभावित करते हैं।

 

संक्रमण की चेतावनी के संकेत के तौर पर, बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, खूनी उल्टी और बदलती हुई मानसिक स्थिति तथा आंखों तथा नाक के आसपास लालिमा और दर्द की शिकायत होती है।

 

उपचार:

कवकरोधी अर्थात एंटीफंगल (antifungal) थेरेपी के द्वारा इलाज किया जाता है।

 

संक्रमण की गंभीर स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

 

इस बीमारी के उपचार के लिए, मधुमेह को नियंत्रित करना, स्टेरॉयड के उपयोग को कम करना और इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग (immunomodulating) दवाओं को बंद करना अत्यंत आवश्यक होता है।

 

रोकथाम:

यदि आप धूल भरे निर्माण स्थलों का दौरा कर रहे हैं तो मास्क का उपयोग करें। बागवानी करते समय जूते, लंबी पतलून, लंबी बाजू की शर्ट और दस्ताने पहनें। अच्छी तरह से नहाएं (स्क्रब बाथ) और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।