अंतर्राष्ट्रीय समसामियिकी 3 (31-Mar-2019)
एशिया में प्रदूषण से परेशान बड़ी कंपनियां, नहीं मिल रहे योग्य कर्मचारी (Big companies troubled by pollution in Asia, do not get qualified employees)

Posted on March 31st, 2019 | Create PDF File

hlhiuj

एशियाई कंपनियां ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में रहने वाले अपने कर्मियों को लुभाने के लिये उन्हें तरह-तरह के अनुलाभ देने के वादे कर रही हैं। ऐसे शहरों में काम करने के लिये कंपनियों को प्रतिभाशाली लोगों की कमी से दो-चार होना पड़ रहा है।

 

ऐसे में वह लोग जो पहले एशिया में बढ़ते ‍आर्थिक अवसरों की ओर आकर्षित हुए थे अब स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं उन्हें इन इलाकों में काम नहीं करने को मजबूर कर रही हैं। लिहाजा कंपनियों को भर्ती करने और अपने विशेषज्ञ कर्मचारियों को बनाए रखने के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है।

 

संयुक्त राष्ट्र पर्यवारण कार्यक्रम के अनुसार एशिया-प्रशांत क्षेत्र में करीब 92 प्रतिशत लोग वायु प्रदूषण के स्तर से अवगत हैं और वह इसे स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा मानते है।

 

यही वजह है कि मोटी तनख्वाह देने वाली कंपनियों को अपने कर्मचारियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देना पड़ रहा है।

 

कंसल्टेंसी ईसीए इंटरनेशनल के एशिया निदेशक ली क्वेन ने कहा कि कंपनियों को कुछ महीनों के अंतराल पर धुंध के समय छुट्टियां या गैर-पारंपरिक कामकाजी व्यवस्था की अनुमति देनी पड़ती है ताकि लोग कम प्रदूषित क्षेत्रों से काम कर सकें।

 

उन्होंने कहा कि उच्च स्तर के प्रदूषण वाले स्थानों पर हम कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 10 से 30 प्रतिशत भत्ते के रूप में देने की सिफारिश करते हैं।

 

वर्ष 2014 में पैनासोनिक कंपनी ने कहा था कि वह चीन में काम करने वाले अपने कर्मचारियों को "प्रदूषण भत्ता" दे रही है। जबकि मीडिया रिपोर्टों ने खुलासा किया था कि कोका कोला वहां जाने वाले कर्मचारियों को लगभग 15 प्रतिशत पर्यावरणीय कठिनाई भत्ता दे रही थीं।

 

चीन ने तब वायु की गुणवत्ता में सुधार के उपाय किए, लेकिन फिर भी उसकी कंपनियों के बीजिंग और नयी दिल्ली सहित दक्षिण एशिया के अन्य प्रमुख केंद्रों में वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से अधिक है।

 

नतीजतन, इन जगहों पर कर्मचारियों में "क्षमता में कमी" देखी जा रही है। केन ने कहा कि इसी वजह से कंपनियों को ऐसे लोगों को चुनने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जो कम योग्य हैं।