राष्ट्रीय समसामयिकी 1(30-Jan-2023)
भारत पर्व 2023
(Bharat Parv 2023)

Posted on January 30th, 2023 | Create PDF File

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भारत सरकार गणतंत्र दिवस समारोह के हिस्से के रूप में 26-31 जनवरी, 2023 तक छह दिवसीय भव्य कार्यक्रम "भारत पर्व" का आयोजन कर रही है।

 

भारत पर्व की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी और वर्ष 2020 तक यह लाल किले के सामने ज्ञान पथ पर प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता रहा है। वर्ष 2021 में यह वर्चुअली आयोजित किया गया था।

 

भारत पर्व :

 

पर्यटन मंत्रालय को इसका नोडल मंत्रालय बनाया गया है।

 

इस कार्यक्रम में एक भोजन उत्सव/ फूड फेस्टिवल, हस्तकला मेला, लोक और जनजातीय नृत्य प्रदर्शन, सांस्कृतिक मंडली प्रदर्शन, गणतंत्र दिवस झाँकी का प्रदर्शन तथा रोशनी में डूबा लाल किला आदि शामिल हैं।

 

इस कार्यक्रम के दौरान देखो अपना देश, एक भारत श्रेष्ठ भारत, G20 और LIFE मिशन की ब्रांडिंग एवं प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

 

यह कार्यक्रम भारत की विविधता में एकता का जश्न मनाने और अमृत काल के अगले 25 वर्षों में भारत को सभ्यता, संस्कृति, आध्यात्मिकता एवं विरासत का केंद्र बनाने का एक तरीका है।

 

यह आयोजन आदर्श वाक्य वोकल फॉर लोकल को भी बढ़ावा दे रहा है क्योंकि देश भर के कई कारीगर भी इसमें भाग ले रहे हैं।

 

 

देखो अपना देश :

 

पर्यटन मंत्रालय ने देश की समृद्ध विरासत और संस्कृति के बारे में नागरिकों में जागरूकता उत्पन्न करने और नागरिकों को देश के भीतर पर्यटन हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जनवरी 2020 में 'देखो अपना देश' पहल शुरू की।

 

एक भारत श्रेष्ठ भारत :

 

इसे वर्ष 2015 में विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिये लॉन्च किया गया था ताकि विविध संस्कृतियों के लोगों के बीच आपसी समझ एवं बंधुत्त्व को बढ़ाया जा सके, जिससे भारत की एकता तथा अखंडता को मज़बूत किया जा सके।

 

G20 :

 

भारत ने G20 की अध्यक्षता का पदभार ग्रहण कर लिया है।

 

G20 का गठन वर्ष 1999 में 1990 के दशक के उत्तरार्द्ध के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था।

 

इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल करके वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करना है।

 

 

LiFE :

 

LiFE का विचार भारत द्वारा 2021 में ग्लासगो में पार्टियों के 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) के दौरान पेश किया गया था। 

 

यह विचार पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली को बढ़ावा देता है जो 'बिना सोचे-समझे और व्यर्थ उपभोग' के बजाय 'सचेत एवं जान-बूझकर उपयोग' पर केंद्रित है।