आकाशवाणी सार (10-May-2020) AIR News Gist
Posted on May 11th, 2020 | Create PDF File
मुख्य समाचार-
* भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और भारत बायोटेक कोरोना वायरस के उपचार के लिए वैक्सिन तैयार करेंगे।
* राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पूर्ण बंदी के बाद उद्योग फिर से शुरू करने के दिशा-निर्देश जारी किए।
* अमरीका ने नए कोरोना वायरस एंटिजेन परीक्षण को मंजूरी दी।
* नौसेना का जलपोत केसरी चिकित्सा दलों और आवश्यक वस्तुओं के साथ मालदीव, मॉरीशस, मेडागास्कर, कोमोरोस और सेशेल्स के लिए रवाना।
* रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- रेल विभाग देश में प्रतिदिन तीन सौ श्रमिक विशेष रेलगाडियां चलाएगा।
* केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विपरीत स्थिति को अवसरों में परिवर्तित करने के लिए उद्योग से सकारात्मक रहने तथा बेहतर बदलाव करने को कहा।
* रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, कागजों और करंसी नोटों को संक्रमण मुक्त करने के लिए स्वचालित अल्ट्रॉवायलेट प्रणाली विकसित की।
समाचार विस्तार से-
* भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-आईसीएमआर और हैदराबाद की जानीमानी वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह देश में ही तैयार करने के लिए सहयोग किया है। यह वैक्सीन वायरस स्ट्रेन का उपयोग करके विकसित की जाएगी जिसे आईसीएमआर के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे में आइसोलेट किया गया है। वायरस स्ट्रेन का ब्यौरा सफलतापूर्वक एनआईवी पुणे से भारत बायोटेक भेज दिया गया है। दोनों सहयोगी कंपनियों ने वैक्सीन विकसित करने का कार्य शुरू कर दिया है। आईसीएमआर और भारत बायोटेक वैक्सीन तैयार करने के संबंध में जल्द ही मंजूरी लेंगे।
सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर मांडे ने कहा कि यह परीक्षण एक सप्ताह में शुरू हो जाएगा।
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* राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण - एनडीएमए ने पूर्ण बंदी के बाद निर्माण उद्योग फिर शुरू करने के दिशा-निर्देश जारी किये हैं। प्राधिकरण ने कहा कि राज्य-सरकारें सुनिश्चित करेंगी कि दुर्घटना की आंशका वाली औद्योगिक इकाइयों में आपदा प्रबंधन योजना अद्यतन हो और इसे लागू करने की समुचित तैयारी हो। प्राधिकरण ने परामर्श दिया है कि जिले के संबंधित अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि इन औद्योगिक इकाइयों में स्थल आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार हो और इनमें कोविड-19 लॉकडाउन के बाद उद्योगों को सुरक्षित रूप से आरंभ किये जाने की मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किया जा रहा हो।
प्राधिकरण ने निर्माण इकाइयों को कार्य शुरू करने के पहले सप्ताह को परीक्षण सप्ताह बनाने पर विचार करने को कहा है। परामर्श में कहा गया है कि इस दौरान अधिक उत्पादन लक्ष्य हासिल करने का प्रयास न करते हुए सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
किसी जोखिम की आशंका कम करने के लिए विशिष्ट उपकरणों पर काम करने वाले कर्मचारियों को पूरी जानकारी देने का परामर्श दिया है। दिशा निर्देशों में कहा गया है कि उन्हें गंध, रिसाव या धुंए जैसे उन खतरे के संकेतों से पूरी तरह अवगत रखा जाए जिसके बाद तत्काल रख-रखाव या शट-डाउन की आवश्यकता पड़ सकती है। काम फिर शुरू होने पर सभी उपकरणों के निरीक्षण की सलाह दी गई है। प्राधिकरण ने उद्योगों को किसी प्रकार की कोई कठिनाई होने पर स्थानीय जिला प्रशासन से सहयोग के लिए संपर्क करने को कहा गया है।
श्रमिकों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने फैक्ट्री परिसर को हर समय संक्रमण मुक्त करने का परामर्श दिया है। प्राधिकरण ने कहा है कि सभी कर्मियों की तापमान जांच दिन में दो बार की जाए और उन कर्मचारियों को काम पर न आने को कहा जाए जिनमें संदिग्ध लक्षण उभर रहे हों। प्राधिकरण ने कहा कि सभी कारखानों और निर्माण इकाइयों को दस्ताने, मास्क और सेनेटाइज़र उपलब्ध कराना चाहिए। कर्मचारियों को एहतियाती और सुरक्षा उपायों से अवगत कराने और सुरक्षित दूरी बनाए रखने के निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। चौबीसो घंटे कार्यरत निर्माण इकाइयों में दो शिफ्ट के बीच एक घंटे का अंतराल रखने की सलाह दी गई है।
परामर्श में स्पष्ट किया गया है कि प्रबंधन और प्रशासनिक कर्मचारियों के 33 प्रतिशत को ही काम पर लगाने के गृह-मंत्रालय के निर्देशों का पालन किया जाए।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि घातक सामग्री के उपयोग करने वाले कामगारों को इसके सुरक्षित उपयोग के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। प्राधिकरण ने कहा कि उद्योगों के फिर शुरू होने पर ऐसे कर्मचारियों की तैनाती को लेकर किसी भी प्रकार की ढील अस्वीकार्य होगी।
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* केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 रोगियों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी देने के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार मामूली और बहुत कम लक्षण वाले रोगियों को उनके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार बिना कोविड परीक्षण के छुट्टी दे दी जाएगी। कोविड देखभाल केंद्र में भर्ती कराए ऐसे मरीजों के तापमान और रक्त में ऑक्सीजन अवशोषण पर नियमित नजर रखी जाएगी। लक्षण उभरने के 10 दिन बाद और तीन दिन से बुखार नहीं रहने पर रोगी को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। डिस्चार्ज करने से पहले इनके परीक्षण की जरूरत नहीं होगी। ऐसे रोगियों को अगले सात दिन तक घर में अलग रहने की सलाह दी जाएगी। यदि बुखार, खांसी या सांस लेने में फिर कठिनाई होती है तो उन्हें कोविड देखभाल केंद्र या राज्य हेल्पलाइन नम्बर या 1075 पर संपर्क करना होगा। संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार मध्यम लक्षण वाले रोगियों के तापमान और ऑक्सीजन अवशोषण क्षमता पर नजर रखी जाएगी। यदि बुखार तीन दिन में ठीक हो जाता है और अगले चार दिन तक रोगी में ऑक्सीजन अवशोषण स्तर 95 प्रतिशत से अधिक बना रहता है तो रोगी को लक्षण उभरने के दस दिन बाद छुट्टी दे दी जाएगी। ऑक्सीजन पर रखे गए जिन रोगियों का बुखार तीन दिन में नहीं उतरता है और कृत्रिम सांस की जरूरत बनी रहती है उन्हें रोग के लक्षण पूरी तरह समाप्त होने और लगातार तीन दिन तक स्वाभाविक ऑक्सीजन अवशोषण क्षमता बने रहने पर डिस्चार्ज किया जाएगा। गंभीर रोगियों को उनके पूरी तरह स्वस्थ होने और आरटी-पीसीआर परीक्षण के बाद ही अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी।
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* अमरीका में कोरोना वायरस की नई तरह से जांच की मंजूरी मिल गई है। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस जांच को देश में सामान्य गतिविधियां फिर शुरू करने के महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रोत्साहित किया है। खाद्य और औषध प्रशासन-एफडीए ने सैन डियागो के क्यूडेल कारपोरेशन द्वारा विकसित एंटीजन जांच को आपात स्थिति में प्राधिकृत करने की घोषणा की है। एफडीए ने कहा है कि इस जांच से नाक के अंदर से लिए गए नमूनों में वायरस प्रोटीन का अंश होने का तुरंत पता चल सकता है। एंटीजन जांच तीसरे प्रकार की जांच है जिसे एफडीए ने प्राधिकृत किया है।
वर्तमान में कोविड-19 का पता लगाने का एकमात्र तरीका मरीजों से लिए गए नमूनों की जांच करना है। इस जांच में कई घंटे लगते है और यह मंहगा होता है तथा इसे विशेष उपकरणों के माध्यम से किया जाता है जो मुख्य रूप से वाणिज्यिक प्रयोगशालाओं, अस्पतालों या विश्वविद्यालयों में मिलते हैं।
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* विभिन्न मंचों से फैलाई जा रहीं फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए हम तथ्यों की जांच कर भ्रान्तियों को दूर करने का प्रयास करते हैं।
सरकार ने सोशल मीडिया पर आ रही इन खबरों का खंडन किया है कि केन्द्र कोविड-19 के संक्रमित रोगियों की देखभाल के लिए राज्यों को प्रति रोगी तीन लाख रूपये दे रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि केन्द्र सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।
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* भारत ने कोविड-19 संबंधी आवश्यक वस्तुओं के साथ नौसेना का जलपोत केसरी मालदीव, मॉरीशस, मेडागास्कर, कोमोरोस और सेशेल्स भेजा है। जहाज में आवश्यक दवाएं और खाद्य वस्तुएं भेजी गई हैं। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि महामारी से निपटने के लिए इन देशों के आग्रह के बाद यह सहायता भेजी गई है।
मॉरीशस और कोमोरोस में चिकित्सा सहायता दल भी तैनात किए जायेंगे। ये दल कोविड-19 से उत्पन्न आपातस्थिति और डेंगू बुखार से निपटने में सहायता करेंगे।
मेडागास्कर और कोमोरोस भेजी गई खेप में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की गोलियां भी हैं। मॉरीशस के लिए आयुर्वेदिक दवाएं भी भेजी गई हैं।
क्षेत्र में सभी के लिए सागर सुरक्षा और आर्थिक वृद्धि के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य के अनुरूप मिशन सागर के तहत यह सहायता भेजी जा रही है।
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* भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने बताया है कि देश में अब तक विभिन्न सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के कुल 16 लाख नौ हजार 37 नमूनों की जांच की जा चुकी है। कल 85 हजार 824 परीक्षण किए गए।
इस बीच, अनुसंधान परिषद सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं को अनुमति देकर परीक्षण सुविधाओं में निरंतर बढ़ोतरी कर रहा है। अब तक 343 सरकारी और 129 प्राइवेट प्रयोगशाला समूहों को कोविड-19 परीक्षण की अनुमति दी जा चुकी है।
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* दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डाक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि गुजरात में कोविड-19 रोगियों की मृत्यु बढ़ने के मुख्य कारणों में कलंक के भय से रोगियों का देरी से अस्पताल पहुंचना और संक्रमित लोगों में अन्य बीमारियों का होना शामिल है। कोविड-19 सुविधाओं और उपचार की समीक्षा के लिए अहमदाबाद में एक दिन के दौरे के बाद डाक्टर गुलेरिया ने यह बात कही।
सब पेशेंट जो हैं वो हॉस्टिपटल आने से डरते हैं या अपना टेस्ट कराने से डरते हैं। उससे ये हो जाता है कि जब वो पॉजिटिव हैं और देर से आते हैं तो उससे मोर्टेलिटी बढ़ जाती है। कई दफा तो पेशेंट को माइल्ड प्रोब्लम है लेकिन उनकी ऑक्सीजन कम हो सकती है। एक टर्मोनोलोजी वेस्ट में यूज की है जिसका नाम है हैप्पी हैपोक्सिया। उनको पता नहीं है कि उनकी ऑक्सीजन कम हो रही है उनको कोई सिंटम नहीं है। लेकिन ब्लड में ऑक्सीजन कम हो रहा है। अगर उनको ऑक्सीजन मिल जाएगी तो तुरंत लाइफ सेव हो सकती है। लेकिन वो हॉस्पिटल नहीं आ रहे हैं, ऑक्सीजन बहुत क्रिटिकल लो हो रही है इससे हार्ट पर असर पड़ रहा है और ऑर्गनस पर असर पड़ रहा है और इससे डेथ के चांसिस बढ़ जाते हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे में तीन सौ 94 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई, इसके साथ ही कोविड-19 रोगियों की संख्या सात हजार सात सौ 97 हो गई। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की प्रधान सचिव डाक्टर जयंती रवि ने कहा कि राज्य में संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ रही है।
डिस्चार्ज और रिकवरी रेट का प्रतिशत अगर हम देखे तो पिछले 15 दिन में इसमें 457 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। ये भी बहुत अच्छी बात है। इसी तरह से अगर हम आज जितने पेशेंट एक्टिव हैं 5,210 ऐसे लोग है जो स्टेबल है। 24 ऐसे लोग हैं जो क्रिटिकल हैं और 219 लोगों को भी गिनती में लेते हुए आज तक 2,091 लोग डिस्चार्ज होकर वापस घर चले गए हैं। ये भी बहुत बड़ी बात है।
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* पूर्णबंदी को ध्यान में रखते हुए 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अध्यापक घर से ही करेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कल यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड-सीबीएसई ने तीन हजार मूल्यांकन केन्द्र बनाए हैं जहां से उत्तर पुस्तिकाएं अध्यापकों के घर भेजी जाएंगी। श्री निशंक ने कहा कि यह प्रक्रिया 50 दिनों में पूरे होने की संभावना है। गृहमंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रोकथाम जोन के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर मूल्यांकन के लिए उत्तर पुस्तिकाओं को लाने ले जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
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* मैसूरू के केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान ने एक नई किस्म की मूंगफली की पट्टी तैयार की है, जिसमें ऐसे पौष्टिक तत्व शामिल हैं, जो कोविड महामारी के दौरान लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे। इस पट्टी में विटामिन ए, बीटा केरोटिन और आसानी से पचने वाले प्रोटीन शामिल हैं। बैंगलुरू और आसपास के क्षेत्रों में ये पट्टियां प्रवासी मजदूरों में बांटी गईं।
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* चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया है कि देश की मुख्य भूमि से कल कोरोना के 14 नए रोगी सामने आए हैं। इनमें से 12 स्थानीय तौर पर संक्रमित लोग हैं, जबकि शंघाई में दो लोग विदेश यात्रा से लौटे थे। सर्वाधिक 11 मरीज चिलिन-प्रांत में दर्ज किए गए और एक मरीज़ हुबई प्रांत में पाया गया।
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* दक्षिण कोरिया में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड संक्रमण के 34 नये रोगियों का पता चला। दक्षिण कोरिया के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र से जारी आंकडों के अनुसार देश में कुल दस हजार आठ सौ 74 व्यक्ति संक्रमित हुए हैं। इनमें से नौ हजार छह सौ दस पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और दो सौ 56 रोगियों की मृत्यु हुई है।
एजेंसी ने बताया है कि 34 नये रोगियों में से 26 स्थानीय रूप से संक्रमित हैं, जबकि अन्य रोगियों का संबंध बाहरी संक्रमण से है। यह पहला अवसर है जब करीब एक महीने के दौरान पहली बार एक ही दिन में संक्रमण के तीस से अधिक नए रोगी सामने आए हैं।
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* इस बीच, भारत ने नौसेना के जलपोत केसरी कोविड-19 संबंधी आवश्यक सामग्री के साथ मालदीव, मॉरीशस, मेडागास्कर, कोमोरोस और सेशेल्स भेजा है। जहाज में आवश्यक दवाएं और खाद्य सामग्री भेजी गई हैं। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि महामारी से निपटने के लिए इन देशों के आग्रह पर यह सहायता भेजी गई है।
मॉरीशस और कोमोरोस में चिकित्सा सहायता दल भी तैनात किए जायेंगे। ये दल कोविड-19 से उत्पन्न आपात स्थिति और डेंगू बुखार से निपटने में सहायता करेंगे। मेडागास्कर और कोमोरोस भेजी गई खेप में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की गोलियां भी शामिल हैं। मॉरीशस के लिए आयुर्वेदिक दवाएं भी भेजी गई हैं। क्षेत्र में सभी के लिए सागर सुरक्षा और आर्थिक वृद्धि के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य के अनुरूप मिशन सागर के तहत यह सहायता भेजी जा रही है।
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* केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और उद्योग तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने उद्योग से सकारात्मक रहने और मौजूदा स्थिति में बेहतर बदलाव करने को कहा है जिससे इन मुश्किलों को अवसरों में बदला जा सके। श्री गड़करी ने आज बिजनेस नेटवर्क इंटरनेशनल और मदरलैंड इंटरनेशनल फाउंडेशन के प्रतिनिधियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि सभी पक्षों को मौजूदा संकट से निकलने के लिए समग्र तरीका अपनाना चाहिए और लोगों का जीवन और आजीविका बचानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि सभी पक्षकारों के बीच सहयोग, समन्वय और संवाद की जरूरत है। उन्होंने उद्योगों से कोविड-19 महामारी के फैलाव को रोकने के लिए सभी एहतियाती उपाय करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कारोबार के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण अपनाने चाहिए तथा परस्पर सुरक्षित दूरी का पालन करना चाहिए।
श्री गड़करी ने ज़ोर देकर कहा कि उद्योगों को निर्यात बढ़ाने और आयात का विकल्प तलाशना चाहिए। उन्हें ऊर्जा लागत, परिवहन लागत और उत्पादन लागत कम करके अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योगों को नवाचार, उद्यमशीलता, विज्ञान और तकनीक, शोध, कौशल और अनुभव को संपदा में परिवर्तित करना चाहिए।
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हैदराबाद में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डी आर डी ओ की प्रयोगशाला में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, कागजों और करंसी नोटों को संक्रमण-मुक्त करने के लिए एक स्वचालित अल्ट्रावायलेट प्रणाली विकसित की है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह उपकरण डिफेंस रिसर्च अल्ट्रावायलेट सेनेटाइजर - डी आर यू वी एस को मोबाइल फोन, आई-पैड, लैपटाप, करंसी नोट, चेकबुक, चालान, पासबुक, कागज और लिफाफे को संक्रमण-मुक्त करने के लिए तैयार किया गया है। इस उपकरण से करंसी नोटों के बंडल भी संक्रमण-मुक्त किए जा सकते हैं।
इस उपकरण का संचालन संपर्कहीन है जो वायरस के फैलाव को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक डिब्बे के भीतर रखी वस्तु को 360 डिग्री पर अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में लाता है। एक बार इस्तेमाल होने के बाद यह उपकरण अपने आप बंद हो जाता है और संचालक को इसके नजदीक खड़े होने की आवश्यकता नहीं है।
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* भारतीय खेल प्राधिकरण-साई ने लॉकडाउन हटाए जाने के बाद सभी साई केंद्रों में, सभी खेलों के प्रशिक्षण को शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया-एसओपी तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है। सभी साई केंद्रों पर वर्तमान कोरोना महामारी के बाद सभी प्रशिक्षण स्थगित कर दिया गया है।
तैराकी में मानक संचालन प्रक्रिया को तैयार करने के लिए एक अलग समिति का गठन किया गया है क्योंकि इस खेल में खिलाड़ियों को पानी में प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है और ऐसे में अन्य खेलों की तुलना में इसमें अलग तरह का स्वास्थ्य जोखिम होता है।
समिति के सुझाव संबंधित राष्ट्रीय खेल संघों-एनएसएफएस और अन्य प्रतिभागियों से विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाएगा और खेल मंत्रालय के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। हमारे संवाददाता ने बताया है कि कोविड-19 से खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी खेलों में कड़ाई से अपनाए जाने वाले सुरक्षात्मक उपायों के बारे में एनएसएफएस को अपने सुझाव देने के लिए कहा गया है।
भारतीय खेल प्राधिकरण के सचिव रोहित भारद्वाज की अगुवाई में पहली समिति प्रशिक्षकों, कोच, तकनीकी और गैर तकनीकी सपोर्ट स्टाफ, एनएसएफएस, प्रशासक, मेस और हॉस्टल कर्मचारी तथा आगन्तुकों समेत सभी प्रतिभागियों के लिए सभी सुरक्षात्मक उपायों और मानक संचालन प्रक्रियाओं की संस्तुति करेगा। एसओपी प्रवेश प्रक्रिया, सैनेटाइजेशन दिशा-निर्देश, खुली जगहों पर अपनाए जाने वाली सावधानियों और केंद्र से यात्रा के दौरान खिलाड़ियों के बारे में अपनाए जाने वाले दिशा निर्देशों को भी विस्तार से बताएगा।
समाचार पत्रों की सुर्खियों से-
* वंदे भारत योजना के तहत भारत सरकार की ओर से विदेशों से भारतीयों को स्वदेश लाने का सिलसिला जारी रहने और स्वास्थ्य जांच तथा उन्हें 14 दिन के लिए अलग-थलग रखने की सारी कवायद आज अखबारों के पहले पन्ने की बड़ी खबर है।
* कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल के डिस्चार्ज होने के संशोधित दिशा-निर्देशों का जिक्र लगभग सभी अखबारों ने किया है। अब 14 नहीं 10 दिन में अस्पताल से छुट्टी मिलेगी।
* अखबारों ने एंटीबॉडी और आरटी- पीसीआर किट इस महीने से देश में ही बनने की खबर को अच्छी खबर के रूप में अलग से दिया है।