हालिया दिनों में आये शीर्ष अदालत के शीर्ष फैसले-3 (न्यायालय कार्यवाही का सीधा प्रसारण-Live Streaming Of Court Proceedings)

Posted on September 29th, 2018 | Create PDF File

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सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितम्बर 2018 को दिशानिर्देश जारी करते हुए शीर्ष अदालत सहित देश भर की तमाम अदालती कार्यवाही का अब सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) करने की अनुमति दे दी है। यह फैसला उसने अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण एवं वीडियो रिकॉर्डिंग करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे न्यायपालिका की कार्यवाई में और भी पारदर्शिता आएगी। इस निर्णय के अंतर्गत राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी जिससे न्यायिक व्यवस्था की जवाबदेही बढ़ेगी। हालांकि, कोर्ट ने अयोध्या और आरक्षण जैसे मुद्दों को संवेदनशील बताते हुए इसकी लाइव स्ट्रीमिंग की इजाज़त देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि वह संविधान के अनुच्छेद 145 के तहत कोर्ट की कार्यवाही के लाइव स्ट्रीमिंग के नियम-कानून बनाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि फिलहाल इसे प्रायोगिक तौर पर ही लागू करने पर विचार किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि अदालत की कार्यवाही के सीधे प्रसारण से ''जनता का जानने का अधिकार" पूरा होगा।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की विडियो रिकॉर्डिंग और उसके सीधे प्रसारण को लेकर केंद्र से जवाब मांगा था। जिस पर केंद्र सरकार ने अदालती कार्यवाही के लाइव प्रसारण के दिशा-निर्देशों पर अपने सुझाव अदालत में दिए थे। केन्द्र सरकार ने सुझाव दिया था कि लाइव स्ट्रीमिंग 70 मिनट की देरी से भी किया जा सकता है। ताकि जज को राष्ट्रीय सुरक्षा या व्यक्तिगत निजता के मामलों में वकील के गलत आचरण पर या किसी संवेदनशील मामले में प्रसारण के दौरान आवाज को बंद (Mute) करने का अवसर मिल सके।