अन्तर्राष्ट्रीय समसामियिकी 2 (31-July-2020)
विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस (World Day Against Trafficking in Persons)

Posted on July 31st, 2020 | Create PDF File

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विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस प्रतिवर्ष 30 जुलाई को में मनाया जाता है।इसे वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक प्रस्ताव द्वारा स्वीकृत किया गया था।विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस 2020 की थीम ‘उद्देश्य के लिए समर्पित: मानव तस्करी की समाप्ति के लिए सबसे आगे कार्यरत’ (Committed To The Cause: Working On The Frontline To End Human Trafficking) है।इस वर्ष की थीम मानव तस्करी के लिए प्रारंभिक उत्तरदाताओं (First Responders) पर केंद्रित है।



प्रारंभिक उत्तरदाताओं (First Responders) वे लोग होते है, जो मानव तस्करी के शिकार व्यक्तियों की पहचान करने, उनकी सहायता करने, परामर्श देने तथा उनके लिए न्याय दिलाने जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हैं, इसके अतिरिक्त ‘प्रारंभिक उत्तरदाता’ तस्करों के सजा दिलवाने की चुनौतियों से भी निपटते हैं।

 

COVID-19 महामारी के दौरान, प्रारंभिक उत्तरदाताओं की अनिवार्य भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है, विशेष रूप से महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों ने उनके काम को और भी कठिन बना दिया है। फिर भी, प्रारंभिक उत्तरदाताओं के योगदान को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

 

 

मानव तस्करी, मुख्य रूप से यौन शोषण, बलात श्रम, जबरन भीख मंगवाने, बलात विवाह, बच्चों को बेचने तथा बाल-सैनिकों के रूप में भर्ती करने, और मानव अंगों को निकालने के लिए की जाती है।मानव तस्करी के शिकार कुल व्यक्तियों में 49% महिलायें तथा 23% लड़कियां होती हैं।यौन शोषण, मानव तस्करी का सबसे आम कारण है, तथा लगभग 59% मानव तस्करी यौन शोषण के लिए की जाती है, इसके बाद बलात श्रम (34%) का स्थान आता है;अधिकाँश मानव तस्करी देश की सीमाओं के भीतर होती है, इसके आलावा, मानव तस्करी के शिकार कुछ व्यक्तियों को धनी देशों में भेजा जाता है।

 

संयुक्त राष्ट्र का ब्लू हार्ट अभियान (Blue Heart Campaign of UN):

* संयुक्त राष्ट्र द्वारा, मानव तस्करी और समाज पर इसके प्रभाव के बारे वैश्विक जागरूकता फ़ैलाने के लिए ब्लू हार्ट अभियान का आरंभ किया गया है।

* इसका उद्देश्य, इस जघन्य अपराध को रोकने तथा इसके विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए सरकारों, नागरिक समाज, कॉर्पोरेट क्षेत्र और आम नागरिकों को प्रोत्साहित करना है।

* इसके तहत, मानव तस्करी के शिकार व्यक्तियों के साथ एकता दिखाने तथा अभियान का प्रसार करने हेतु कार्यकर्ता ब्लू हार्ट छपे हुए कपडे पहनते हैं।

* भारत में मानव तस्करी से संबंधित संवैधानिक एवं विधायी प्रावधान

 

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 23 (1) के तहत मानव तस्करी को निषिद्ध किया गया है।अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 [The Immoral Traffic (Prevention) Act, 1956 (ITPA)]व्यवसायिक यौन शोषण के लिए तस्करी की रोकथाम के लिए प्रमुख कानून है।आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013 के द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 370 और 370A के तहत मानव तस्करी के खतरे से निपटने के लिए व्यापक प्रावधान किये गए है।यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012, के अंतर्गत बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए विशेष क़ानून बनाया गया है।