निर्वाचन आयोग के दृष्टि,लक्ष्य एंव सिद्धांत (Vision Mission and Principles of Election Commission)

Posted on May 23rd, 2022 | Create PDF File

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दृष्टि: भारत का चुनाव आयोग श्रेष्ठता का एक संस्थान बनना चाहता है। ऐसा वह भारत तथा विश्व में संक्रिय क्रियाशीलता, भागीदारी तथा  चुनावी लोकतंत्र को गहराई और मजबूती प्रदान करके कर रहा है।

 

लक्ष्यः भारत का चुनाव आयोग स्वतंत्रता, स्वायतता तथा अखंडता को  बनाए रखता है। यह (stakeholders) की उपलब्धता, समाहितता तथा  नैतिक भागीदारी को सुनिश्चित करता है। यह स्वतंत्र, दोषयुक्त तथा पारदर्शी चुनाव को संपन्न कराने के लिए उच्चतम पेशेवर मानदंडों  का पालन करता है ताकि सरकार एवं चुनावी लोकतंत्र में विश्वास मजबूत हो।

 

निदेशक सिद्धांतः आयोग ने इसके लिए निदेशक सिद्धांत बनाए हैं जो सही प्रशासन के लिए जरूरी हैं:

 

1.संविधान में दिये समानता, समता, निष्पक्षता तथा स्वतंत्रता आदि मूल्यों को बनाए रखना। निर्वाचित सरकार के निरीक्षण, निर्देशन तथा नियंत्रण के लिए कानून का शासन बनाए रखना।

 

2.महत्तम विश्वसनीयता, स्वतंत्रता, शुचिता, पारदर्शिता, सच्चरित्रता, जवाबदेही, स्वायत्तता तथा पेशेवर दृष्टिकोण के साथ चुनाव संपन्न करवाना।

 

3.समावेशी मतदाता केंद्रित तथा मतदाता - स्नेही वातावरण चुनाव प्रक्रिया द्वारा सभी योग्य नागरिकों की चुनाव में भागीदारी सुनिश्चित करना।

 

4.चुनाव प्रक्रिया के हित में राजनीतिक दलों तथा (stakeholders) की भागदारी करवाना।

 

5.निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में स्टेकहोल्डरों, जैसे-मतदाता, राजनीतिक दल, चुनाव अधिकारी, उम्मीदवार एवं सामान्य जनता; में जागरूकता का प्रसार करना और देश की चुनाव व्यवस्था में विश्वास और भरोसा बढ़ाना तथा मजबूत करना।

 

6.चुनावी सेवाओं के प्रभावकारी तथा पेशेवर निष्पादन के लिए मानव संसाधन विकसित करना।

 

7.चुनावी प्रक्रिया के आसान निर्वाहन के लिए श्रेष्ठ संरचना तैयार करना।

 

8.चुनावी प्रक्रिया के सभी क्षेत्रों के सुधार के लिए तकनीकी अपनाना।

 

9.आदर्श तथा लक्ष्य की श्रेष्ठता की पूर्ण प्राप्ति के लिए नवाचारी प्रक्रियाओं को अपनाने का प्रयास करना।

 

10.देश की चुनावी व्यवस्था में लोगों के विश्वास और भरोसे को बनाए रखने तथा मजबूती प्रदान करने के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत बनाना।