पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामियिकी 1 (5-Feb-2019)
भारत की 28 कछुओं की प्रजातियों में से सबसे दुर्लभ प्रजाति-ब्लैक सॉफ्टशेल टर्टल
(The most rare species of India's 28 Turtle species - Black Softhell Turtle)

Posted on February 5th, 2019 | Create PDF File

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भारत की 28 कछुओं की प्रजातियों में से सबसे दुर्लभ प्रजाति के काले रंग का कछुआ (Black Softshell Turtle) असम के गुवाहाटी के हाजो में हयाग्रीव माधव मंदिर के तालाब में पाला जा रहा है।

 

स्थानीय लोग तालाब में पाए जाने वाले कछुए की इस प्रजाति को भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं जिन्हें हाजो मंदिर समर्पित है। कछुए की यह प्रजाति भारत (असम) और बांग्लादेश (चटगाँव और सिलहट) में मीठे जल में पाई जाती है। 2002 में इस प्रजाति को IUCN की परिशिष्ट 1 तथा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची IV के रेड लिस्ट में ‘जंगलों में विलुप्त’ (Extinct in the Wild) के रूप में शामिल किया गया है।भारत में कछुओं की 28 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से 20 असम में पाई जाती हैं। लेकिन कछुए के माँस और अंडों की खपत, खनन, आर्द्रभूमि का अतिक्रमण और बाढ़ के पैटर्न में बदलाव के कारण राज्य में कछुओं की आबादी पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है।असम में पाए जाने वाले 70% कछुए की प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है।

 

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हयाग्रीव माधव मंदिर वैष्णववाद के महत्त्वपूर्ण केंद्रों में से एक है।मंदिर एक पहाड़ी स्थान पर स्थित है जो गुवाहाटी, असम के पास हाजो में स्थित है।यह अनुमान लगाया गया था कि मंदिर 10वीं -12वीं शताब्दी के पाल शासन की अवधि के दौरान बनाया गया था।