अर्थव्यवस्था समसामयिकी 2 (8-July-2019)
भारत में धनाढ्यों पर कर की दरें अब भी चीन, अमेरिका से कम (Tax rates on rich in India are still below China, US)

Posted on July 8th, 2019 | Create PDF File

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देश में अमीरों पर आयकर बढ़ाने के बजट में किये गए नये प्रावधानों को उचित ठहराते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत में व्यक्तिगत आयकर की उच्चतम दरें अब भी अमेरिका, चीन और दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्य देशों के मुकाबले कम है।

 

राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि चीन और दक्षिण अफ्रीका में व्यक्तिगत आयकर की उच्चतम दर 45-45 प्रतिशत और अमेरिका में 50.3 प्रतिशत है।

 

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए दो-पांच करोड़ रुपये की सालाना व्यक्तिगत आय पर कर अधिभार की दर 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत और पांच करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी वालों पर अधिभार 37 प्रतिशत कर दिया।

 

अधिभार में वृद्धि के बाद 2-5 करोड़ रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर कर का कुल बोझ बढ़कर 35.88 से बढ़कर 39 प्रतिशत और पांच करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी पर 35.88 से बढ़कर 42.7 प्रतिशत हो जाएगा।

 

पांडे ने कहा कि अधिभार में वृद्धि से पहले भारत में अधिकतम कराघात 35.88 प्रतिशत था जबकि ब्रिटेन में यह 45 प्रतिशत, जापान में 45.9, कनाडा में 54 और फ्रांस में 66 प्रतिशत है।

 

उन्होंने कहा, 'भारत में हम हमारी अधिकतम दर 35 प्रतिशत थी इसलिए समानता और भुगतान क्षमता की दृष्टि से क्या 10 लाख रुपये और दस करोड़ रुपये की आमदनी वालों को बराबर दर से कर चुकाना चाहिए?'

 

पांडे ने कहा, 'निश्चित रूप से 11-14 लाख रुपये की बीच की आमदनी वाले लोगों के पास कुछ तो बचत करने का मौका होना चाहिए इसलिए जो लोग ज्यादा कमा रहे हैं, उन्हें ज्यादा कर देना ही चाहिए।'

 

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में धनाढ्यों पर आयकर अधिभार बढ़ाने का प्रस्ताव करते हुए कहा था कि कर चुकाने वाले राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि लोगों की आमदनी का स्तर बढ़ रहा है, ऐसे में उच्चतम आय के दायरे में आने वाले लोगों को राष्ट्र के विकास में अधिक योगदान करने की जरूरत है।