राष्ट्रीय समसामयिकी 1(15-Mar-2023)
सर्वोच्च न्यायालय का फ़ैसला : भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिये अब और मुआवज़ा नहीं
(Supreme Court Verdict: No more compensation for the victims of Bhopal Gas Tragedy)

Posted on March 15th, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 1984 में भोपाल में हुई गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिये यूनियन कार्बाइड कंपनी (UCC) से अधिक मुआवज़े की मांग वाली केंद्र की उपचारात्मक याचिका को खारिज़ कर दिया।

 

3 दिसंबर, 1984 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) से अत्यधिक खतरनाक और विषाक्त गैस, मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) (रासायनिक सूत्र- CH3NCO या C2H3NO) का रिसाव हुआ।

 

इस त्रासदी में 5,295 लोगों की मौत हुई तथा लगभग 5,68,292 लोग घायल हुए, इसके अलावा पशुधन और संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ।

 

भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) :

 

2-3 दिसंबर, 1984 की रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) [परिवर्तित नाम- डाउ केमिकल्स (Dow Chemicals)] कंपनी के प्लांट से मिथाइल आइसोसाइनाइट (Methyl Isocyanate) गैस का रिसाव हुआ था।

 

इस घटना में हज़ारों लोगों की मौत हो गई थीं और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए थे।

 

रिसाव की घटना पूरी तरह से कंपनी की लापरवाही के कारण हुई थी, पहले भी कई बार रिसाव की घटनाएँ हुई थीं लेकिन कंपनी ने सुरक्षा के समुचित उपाय नहीं किये थे।