अर्थव्यवस्था समसामयिकी 1(14-Mar-2023)
ड्रैगन फ्रूट
(Dragon Fruit)

Posted on March 14th, 2023 | Create PDF File

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एकीकृत बागबानी विकास मिशन (MIDH) के तहत विदेशी और विशिष्ट क्षेत्र के फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिये चिह्नित संभावित क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिये एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है।

 

कमलम् के लिये MIDH के तहत क्षेत्र विस्तार का लक्ष्य 5 वर्षों में 50,000 हेक्टेयर है।

 

कमलम् या ड्रैगन फ्रूट व्यापक रूप से पिताया के रूप में जाना जाता है, यह दक्षिणी मैक्सिको, मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका मूल का है।

 

इसकी खेती व्यापक रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत, अमेरिका, कैरेबियन द्वीप समूह, ऑस्ट्रेलिया में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में की जाती है।

 

इसे "21वीं सदी का चमत्कारिक फल" भी कहा जाता है।

 

ड्रैगन फ्रूट हिलोसेरियस कैक्टस पर उगता है, जिसे होनोलूलू क्वीन के नाम से भी जाना जाता है।

 

फिलहाल, भारत में कमलम् फल की खेती सीमित है और कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, अंडमान तथा निकोबार द्वीप, मिज़ोरम एवं नगालैंड के किसानों के द्वारा इसकी खेती की जाती है। 

 

इसे कई नामों से जाना जाता है, जिनमें पिताया, पिठैया और स्ट्रॉबेरी नाशपाती शामिल हैं।

 

दो सबसे आम प्रकारों के छिलके चमकदार लाल रंग की होती है जिसका ऊपरी सिरा हरे रंग का होता है जो एक ड्रैगन के समान दिखाई देती है।

 

सबसे व्यापक रूप से उपलब्ध किस्म में काले बीजों के साथ सफेद गूदा होता है, हालाँकि लाल गूदे और काले बीजों के साथ एक कम सामान्य प्रकार भी मौजूद है।

 

फल मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है।

 

इसमें कम कैलोरी और आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और जिंक जैसे पोषक तत्वों की अधिकता होती है।

 

सबसे बड़ा उत्पादक :

 

दुनिया में ड्रैगन फ्रूट का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक वियतनाम है, जहांँ 19वीं शताब्दी में फ्रांँसीसियों द्वारा इस पौधे को लाया गया था।

 

वियतनामी इसे थान लॉन्ग कहते हैं, जिसका अनुवाद है "ड्रैगन की आंँख", माना जाता है कि यह इसके सामान्य अंग्रेज़ी नाम का मूल है।

 

वियतनाम के अलावा यह विदेशी फल संयुक्त राज्य अमेरिका, मलेशिया, थाईलैंड, ताइवान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, इज़रायल और श्रीलंका में भी उगाया जाता है।