स्वास्थ्य समसामियिकी 1 (13-July-2020)^वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को बेअसर करने वाले लामाओं से दो एंटीबॉडी की पहचान की^(Scientists identify two antibodies from llamas that neutralize the corona virus)
Posted on July 13th, 2020
वैज्ञानिकों ने दक्षिण अमेरिकी स्तनधारियों लामाओं से ऐसे दो एंटीबॉडी की पहचान करने का दावा किया है जिससे कोरोना वायरस के असर को समाप्त किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दक्षिण अमेरिकी स्तनधारियों लामाओं से प्राप्त दो छोटे, स्थिर एंटीबॉडी से प्रयोगशाला-संवर्धित कोशिकाओं में कोरोना वायरस को बेअसर किया जा सकता है।
इसे कोविड-19 के खिलाफ एक नयी चिकित्सा पद्धति को हासिल करने की दिशा में प्रगति के रूप में देखा जा रहा है।
‘नेचर स्ट्रक्चरल एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में उल्लेख किया गया है कि ‘नैनोबॉडीज’ प्रोटीन एसीई2 के साथ अंतःक्रिया को रोककर कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के साथ संक्रमण को रोक सकता है।
वर्तमान अध्ययन में उन्होंने सार्स-सीओवी-2 को बेअसर करने में दक्षिण अमेरिकी स्तनधारियों लामाओं से प्राप्त एंटीबॉडी की क्षमता का परीक्षण किया गया।
शोधकर्ताओं ने बताया कि अधिकांश स्तनधारियों की तरह मानव एंटीबॉडी में भी दो श्रृंखलाएं होती हैं - भारी और हल्की - लेकिन लामा जैसे जीवों में एक अतिरिक्त एकल भारी श्रृंखला एंटीबॉडी भी होती है, जिसे नैनोबॉडी के रूप में जाना जाता है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि नैनोबॉडी छोटे, स्थिर और आसानी से निर्मित होते हैं और इस तरह निदान के लिए पारंपरिक एंटीबॉडी के विकल्प के रूप में काम करते हैं।
स्वास्थ्य समसामियिकी 1 (13-July-2020)वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को बेअसर करने वाले लामाओं से दो एंटीबॉडी की पहचान की(Scientists identify two antibodies from llamas that neutralize the corona virus)
वैज्ञानिकों ने दक्षिण अमेरिकी स्तनधारियों लामाओं से ऐसे दो एंटीबॉडी की पहचान करने का दावा किया है जिससे कोरोना वायरस के असर को समाप्त किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दक्षिण अमेरिकी स्तनधारियों लामाओं से प्राप्त दो छोटे, स्थिर एंटीबॉडी से प्रयोगशाला-संवर्धित कोशिकाओं में कोरोना वायरस को बेअसर किया जा सकता है।
इसे कोविड-19 के खिलाफ एक नयी चिकित्सा पद्धति को हासिल करने की दिशा में प्रगति के रूप में देखा जा रहा है।
‘नेचर स्ट्रक्चरल एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में उल्लेख किया गया है कि ‘नैनोबॉडीज’ प्रोटीन एसीई2 के साथ अंतःक्रिया को रोककर कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के साथ संक्रमण को रोक सकता है।
वर्तमान अध्ययन में उन्होंने सार्स-सीओवी-2 को बेअसर करने में दक्षिण अमेरिकी स्तनधारियों लामाओं से प्राप्त एंटीबॉडी की क्षमता का परीक्षण किया गया।
शोधकर्ताओं ने बताया कि अधिकांश स्तनधारियों की तरह मानव एंटीबॉडी में भी दो श्रृंखलाएं होती हैं - भारी और हल्की - लेकिन लामा जैसे जीवों में एक अतिरिक्त एकल भारी श्रृंखला एंटीबॉडी भी होती है, जिसे नैनोबॉडी के रूप में जाना जाता है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि नैनोबॉडी छोटे, स्थिर और आसानी से निर्मित होते हैं और इस तरह निदान के लिए पारंपरिक एंटीबॉडी के विकल्प के रूप में काम करते हैं।