राजव्यवस्था समसामियिकी 1 (24-Nov-2020)^न्यायालय ने आरटी-पीसीआर जांच का अधिकतम मूल्य तय करने की मांग वाली याचिका पर केन्द्र से मांगा जवाब^(SC Seeks Centre's Response on PIL Seeking to Fix Maximum Rate for RT-PCR Test)
Posted on November 24th, 2020
उच्चतम न्यायालय ने भारत में कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर जांच का अधिकतम मूल्य तय करने के लिए दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को केन्द्र को नोटिस जारी किया।
प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की एक पीठ ने स्वास्थ्य मंत्रालय को एक नोटिस जारी किया। स्वास्थ्य मंत्रालय को दो सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है। मामले में अब दो सप्ताह बाद आगे सुनवाई होगी।
यह जनहित याचिका भाजपा नेता और अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने दायर की है।
पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोविड-19 के इलाज के खर्च के संबंध में लंबित अन्य याचिकाओं के साथ ही इस पर भी सुनवाई की जाएगी।
याचिका में सरकारों से आरटी-पीसीआर (रीयल-टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) जांच का अधिकतम मूल्य 400 रुपये तय करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जिसके लिए विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा 900 से 2800 रुपये लिए जा रहे हैं।
इसमें कहा गया, ‘‘ प्रयोगशालाओं द्वारा बड़ी लूट की जा रही है..... लाभ का मार्जिन काफी अधिक है, यह आंध्र प्रदेश में 1400 प्रतिशत और दिल्ली में 1200 प्रतिशत है।’’
उसने आरोप लगाया कि निजी प्रयोगशालाओं और अस्पतालों के मालिक आपदा के समय का इस्तेमाल करोड़ों रुपये का गबन करने के लिए कर रहे हैं।
राजव्यवस्था समसामियिकी 1 (24-Nov-2020)न्यायालय ने आरटी-पीसीआर जांच का अधिकतम मूल्य तय करने की मांग वाली याचिका पर केन्द्र से मांगा जवाब(SC Seeks Centre's Response on PIL Seeking to Fix Maximum Rate for RT-PCR Test)
उच्चतम न्यायालय ने भारत में कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर जांच का अधिकतम मूल्य तय करने के लिए दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को केन्द्र को नोटिस जारी किया।
प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की एक पीठ ने स्वास्थ्य मंत्रालय को एक नोटिस जारी किया। स्वास्थ्य मंत्रालय को दो सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है। मामले में अब दो सप्ताह बाद आगे सुनवाई होगी।
यह जनहित याचिका भाजपा नेता और अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने दायर की है।
पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोविड-19 के इलाज के खर्च के संबंध में लंबित अन्य याचिकाओं के साथ ही इस पर भी सुनवाई की जाएगी।
याचिका में सरकारों से आरटी-पीसीआर (रीयल-टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) जांच का अधिकतम मूल्य 400 रुपये तय करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जिसके लिए विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा 900 से 2800 रुपये लिए जा रहे हैं।
इसमें कहा गया, ‘‘ प्रयोगशालाओं द्वारा बड़ी लूट की जा रही है..... लाभ का मार्जिन काफी अधिक है, यह आंध्र प्रदेश में 1400 प्रतिशत और दिल्ली में 1200 प्रतिशत है।’’
उसने आरोप लगाया कि निजी प्रयोगशालाओं और अस्पतालों के मालिक आपदा के समय का इस्तेमाल करोड़ों रुपये का गबन करने के लिए कर रहे हैं।