अर्थव्यवस्था समसामयिकी 1 (20-Apr-2021)
आरबीआई द्वारा ‘एआरसी’ के कामकाज की समीक्षा हेतु एक समिति का गठन
(RBI constitutes a committee to review the functioning of 'ARC')

Posted on April 20th, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘सुदर्शन सेन’ की अध्यक्षता में, वित्तीय क्षेत्र पारितंत्र में ‘आस्ति पुनर्संरचना कंपनियों’ (Asset Reconstruction Companies– ARCs) के कामकाज की व्यापक समीक्षा करने तथा क्षेत्र की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने में ऐसी संस्थाओं को सक्षम बनाने हेतु उपयुक्त उपायों की सिफारिश करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

 

संदर्भ शर्तें (Terms of reference):

‘आस्ति पुनर्संरचना कंपनियों’ ( ARCs) पर लागू मौजूदा कानूनी और विनियामक ढांचे की समीक्षा और ‘एआरसी’ की प्रभावकारिता में सुधार के उपायों हेतु सिफारिश करना।

 

दिवालिया एवं शोधन अक्षमता कोड (IBC), 2016 सहित तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान में ‘एआरसी’ की भूमिका की समीक्षा करना।

 

‘आस्ति पुनर्संरचना कंपनी’ (ARC) :

 

‘आस्ति पुनर्संरचना कंपनी’ (Asset Reconstruction Companies- ARC), ऐसे विशेष वित्तीय संस्थान होते है जो बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ‘गैर-निष्पादित आस्तियों’ (Non Performing Assets- NPAs) खरीदते हैं, ताकि वे अपनी बैलेंसशीट को साफ कर सकें।

 

इससे बैंकों को सामान्य बैंकिंग गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।

 

बैंक, बकाएदारों पर अपना समय और प्रयास बर्बाद करने के बजाय, ‘आस्ति पुनर्संरचना कंपनी’ (ARC) को पारस्परिक रूप से सहमत कीमत पर अपनी ‘गैर-निष्पादित आस्तियों’ (NPAs) को बेच सकते हैं।

 

‘आस्ति पुनर्संरचना कंपनी’ अथवा ‘एआरसी’ (ARC), आरबीआई के अंतर्गत पंजीकृत होती हैं।

 

कानूनी आधार:

 

‘वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्रचना एवं प्रतिभूति हित प्रवर्तन’ (Securitization and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of Security Interest -SARFAESI) अधिनियम 2002, भारत में ‘आस्ति पुनर्संरचना कंपनियों’ ( ARCs) का गठन करने हेतु वैधानिक आधार प्रदान करता है।

 

SARFAESI अधिनियम न्यायालयों के हस्तक्षेप के बगैर ‘गैर-निष्पादित अस्तियों’ की पुनर्संरचना में मदद करता है।

 

तब से, इस अधिनियम के तहत, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अधीन पंजीकृत बड़ी संख्या में ARCs का गठन किया गया है। आरबीआई के लिए ARCs को विनियमित करने की शक्ति प्राप्त है।

 

ARCs के लिये पूंजी आवश्यकताएँ:

SARFAESI अधिनियम में, वर्ष 2016 में किये गए संशोधनों के अनुसार, किसी ‘आस्ति पुनर्संरचना कंपनी’ (ARC) के पास न्यूनतम 2 करोड़ रुपए की स्वामित्व निधि होनी चाहिये।

 

रिज़र्व बैंक द्वारा वर्ष 2017 में इस राशि को बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए कर गिया गया था। ‘आस्ति पुनर्संरचना कंपनी’ के लिए अपनी जोखिम भारित आस्तियों / परिसंपत्तियों के 15% का पूंजी पर्याप्तता अनुपात बनाए रखना आवश्यक है।