कला एवं संस्कृति समसामियिकी 2 (8-Oct-2019)
महाराष्ट्र के गांव में रावण की पूजा
(Ravana worship in the village of Maharashtra)

Posted on October 8th, 2019 | Create PDF File

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अधिकतर भारतीयों के लिए विजयदशमी का पर्व रावण पर राम की और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। लेकिन महाराष्ट्र के अकोला जिले के एक छोटे से गांव के निवासी भक्तिभाव से रावण की पूजा करते हैं।

 

संगोला गांव में रावण की काले पत्थर से बनी एक विशाल प्रतिमा स्थापित है जिसके 10 सर और 20 हाथ हैं।

 

स्थानीय निवासियों के अनुसार, वहां लंका के राजा रावण की पूजा पिछले करीब दो सौ वर्षों से हो रही है।

 

स्थानीय पुजारी हरिभाऊ लाखड़े ने पीटीआई-भाषा को बताया कि दशहरे पर जहाँ देश भर में रावण के पुतले जलााए जाते हैं वहीं संगोला गांव बौद्धिक क्षमता और तपस्वी गुणों के लिए दशानन की पूजा की जाती है।

 

गांव के कुछ वरिष्ठ निवासियों के अनुसार, रावण एक अद्वितीय विद्वान था।

 

ग्रामीण ध्यानेश्वर धाकरे के अनुसार गाँव वालों की मान्यता है कि रावण ने सीता का अपहरण राजनैतिक कारणों से किया था और उसने सीता का शीलभंग नहीं किया था।

 

उन्होंने कहा कि राम के अलावा रावण के प्रति भी उनकी गहरी श्रद्धा है इसलिए वे उसका पुतला नहीं जलाते।

 

लाखड़े ने बताया कि उनके परिवार की कई पीढ़ियां रावण की पूजा करती रही हैं और गांव में सुख, समृद्धि और शांति महान राजा रावण के कारण ही है।

 

धाकरे ने कहा, “सभी रावण से डरते हैं लेकिन हमारे गांव में उसकी पूजा की जाती है। दशहरे पर दूर दूर से लोग रावण की प्रतिमा देखने यहां आते हैं।“