राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (5-Nov-2019)
स्कूल कैंटीन, स्कूल के नजदीक जंक फूड की बिक्री,विज्ञापन पर प्रतिबंध का प्रस्ताव
(Proposal to ban advertising, sale of junk food near schools and in school canteens )

Posted on November 5th, 2019 | Create PDF File

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खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने स्कूल कैंटीन और स्कूल की चौहद्दी से 50 मीटर के दायरे में ‘जंक फूड’ की बिक्री व विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है। इसका उद्येश्य बच्चों के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित कराना है।

 

भारतीय खाद्य और मानक प्राधिकार (एफएसएसएआई) ने 'खाद्य सुरक्षा और मानक (स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार) विनियम, 2019' शीर्षक नियमावती का मसौदा मंगलवार को जारी किया। इस पर लोगों से 30 दिन के अंदर अपने सुझाव देने को कहा गया है।

 

विनियामक ने प्रस्ताव किया है कि , ‘‘जिन खाद्य पदार्थों को वसा, नमक और चीनी (एचएफएसएस) में अधिक मात्रा में पाया जाता है, उन्हें स्कूल कैंटीन या मेस परिसर या हॉस्टल के रसोई में या स्कूल परिसर के 50 मीटर के भीतर स्कूली बच्चों को नहीं बेचा जा सकता है।’’ इसने कहा है कि वसा, नमक और चीनी (एचएफएसएस) की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ का व्यापार करने वाली कंपनियों या व्यापारियों (एफबीओ) को स्कूल परिसर या स्कूल परिसर के 50 मीटर के दायरे में ऐसे खाद्य पदार्थों के विज्ञापन करने से रोक दिया जाएगा।

 

इस साल जून में, एफएसएसएआई के सीईओ पवन कुमार अग्रवाल ने घोषणा की थी कि खाद्य नियामक स्कूल और उसके आसपास अस्वास्थ्यकर खाद्यों के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है। प्रस्तावित नियमों के अनुसार स्कूल के अधिकारियों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन को प्रोत्साहित करने का कार्यक्रम लागू करना होगा। स्कूल या उसके द्वारा अनुबंधित खाद्य व्यवसायी (कैंटीन संचालक आदित) तथा शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के लिए अनुबंधित परिचालक के लिए सुरक्षित-खाद्य कानून के तहत लाइसेंस हासिल करना होगा।

 

मसौदा दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूल में सुरक्षित और संतुलित आहार की खपत को बढ़ावा देने के लिए स्कूल अधिकारियों को प्रोत्साहित करें।’’ अंशधारकों की टिप्पणियों और विचार विमर्श किये जाने के बाद इन कानूनों को क्रिर्यान्वयन के लिए अंतिम रूप दिया जाएगा।

 

इस बीच, एफएसएसएआई ने कहा कि वह राज्य के खाद्य अधिकारियों या स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश देगा कि वह इस नियमन में दिए गए सामान्य मार्गदर्शन के अनुसार स्कूली बच्चों के लिए भारी भोजन तैयार करवायें।