अंतर्राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (4-Nov-2019)
आरसीईपी करार में शामिल नहीं होगा भारत
(India will not join RCEP agreement)

Posted on November 5th, 2019 | Create PDF File

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भारत ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। 

 

आरसीईपी वार्ताओं में भारत की चिंताओं को दूर नहीं किया जा सका है। इसके मद्देनजर भारत ने यह फैसला किया है।

 

आरसीईपी में भारत का रुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व और दुनिया में भारत के बढ़ते कद को दर्शाता है। भारत के इस फैसले से भारतीय किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) और डेयरी क्षेत्र को बड़ी मदद मिलेगी।

 

इस मंच पर भारत का रुख काफी व्यावहारिक रहा है। भारत ने जहां गरीबों के हितों के संरक्षण की बात की वहीं देश के सेवा क्षेत्र को लाभ की स्थिति देने का भी प्रयास किया।

 

सूत्रों ने बताया कि भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक प्रतिस्पर्धा को खोलने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। इसके साथ ही मजबूती से यह बात रखी कि इसका जो भी नतीजा आए वह सभी देशों और सभी क्षेत्रों के अनुकूल हो।

 

आरसीईपी में दस आसियान देश और उनके छह मुक्त व्यापार भागीदार चीन, भारत, जापान, दक्षिण, कोरिया, भारत, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। आरसीईपी करार का मकसद दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाना है। 16 देशों के इस समूह की आबादी 3.6 अरब है। यह दुनिया की करीब आधी आबादी है।

 

शनिवार को हुई बैठक में 16 आरसीईपी देशों के व्यापार मंत्री भारत द्वारा उठाए गए लंबित मुद्दों को हल करने में विफल रहे थे। हालांकि, आसियन शिखर बैठक से अलग कुछ लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए पर्दे के पीछे बातचीत जारी थी।